नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय तीन सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों को एकल इकाई में विलय करने के शुरुआती प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, क्योंकि इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। इस कवायद का मकसद बेहतर दक्षता और बड़ा पैमाना सुनिश्चित करना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सरकार ने 2019-20 से 2021-22 के बीच ओरिएंटल इंश्योरेंस, नेशनल इंश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस में कुल 17,450 करोड़ रुपये का निवेश किया था ताकि इन्हें वित्तीय संकट से बाहर निकाला जा सके।
वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इन तीनों कंपनियों को एक ही बीमा इकाई में मिलाने की घोषणा की थी। हालांकि, जुलाई 2020 में सरकार ने इस विचार को स्थगित कर दिया और इसके बजाय तीनों कंपनियों में 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को मंजूरी दी।
सूत्रों के अनुसार अब इनकी वित्तीय स्थिति में सुधार आने के बाद वित्त मंत्रालय इनके विलय की प्रारंभिक समीक्षा कर रहा है ताकि इनकी कार्यक्षमता बढ़ाई जा सके।
सूत्रों ने बताया कि साथ ही, सरकार द्वारा घोषित एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है और विभिन्न विकल्पों पर विचार जारी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में दो सरकारी बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण सहित बड़े निजीकरण एजेंडे की घोषणा की थी। इसके बाद अगस्त 2021 में संसद ने सामान्य बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक 2021 पारित किया, जिससे सरकारी सामान्य बीमा कंपनियों के निजीकरण का रास्ता खुल गया।
भाषा योगेश पाण्डेय
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