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Saturday, 4 May, 2024
होमदेशअर्थजगतआंकडों से खुलासा- कोविड के वक्त शेयर मार्केट में निवेश करने वाले बढ़े, पर जल्द ही इनकी संख्या घट भी गई

आंकडों से खुलासा- कोविड के वक्त शेयर मार्केट में निवेश करने वाले बढ़े, पर जल्द ही इनकी संख्या घट भी गई

अप्रैल 2020 और अक्टूबर 2021 के बीच सेंसेक्स 87% बढ़ गया, जिससे कई नए निवेशक इसका लाभ लेने के लिए इसकी तरफ आकर्षित हुए. चूंकि वह तेजी 2021 के अंत में समाप्त हो गई इसलिए निवेशकों की दिलचस्पी भी कम हो गई है.

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दिप्रिंट ने नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) – जो इस डेटा को संकलित करने वाली दो संस्थाएं हैं – के पास उपलब्ध डेटा से सक्रिय शेयर बाजार प्रतिभागियों की संख्या में वृद्धि का विश्लेषण किया और इसकी तुलना मार्च 2018 से जून 2023 तक बीएसई सेंसेक्स के प्रदर्शन के साथ की.

आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी की अवधि के दौरान सेंसेक्स में तेज वृद्धि की वजह से शेयर बाजार में निवेश करने वालों की संख्या में वृद्धि देखी गई थी. हालांकि, एक बार जब बाज़ार की यह तेजी ख़त्म हो गई तो लोगों की शेयर बाज़ार में दिलचस्पी भी कम हो गई.

महामारी से पहले की अवधि (मार्च 2018 से फरवरी 2020) के दौरान, बाजार के प्रदर्शन के साथ शेयर बाजार प्रतिभागियों की संख्या काफी हद तक बढ़ रही थी.

आंकड़ों से पता चला कि, इस अवधि में जहां सेंसेक्स हर महीने औसतन 0.63 प्रतिशत की दर से बढ़ा, वहीं शेयर बाजार प्रतिभागियों की संख्या में 0.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

Graphic: Prajna Ghosh | ThePrint
ग्राफ़िक: प्रज्ञा घोष | दिप्रिंट

हालांकि, मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन से यह प्रवृत्ति अस्थायी रूप से बाधित हो गई, जिसके कारण उस महीने सेंसेक्स में 23 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि प्रतिभागियों की संख्या बढ़ती रही.

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इसके बाद शेयर बाजार ने काफी सुधार किया और अप्रैल 2020 में 33,717 अंक से बढ़कर अक्टूबर 2021 में 63,099 अंक पर पहुंच गया, जो 87 प्रतिशत की वृद्धि है.

आंकड़ों से पता चला कि महामारी के कारण घर से काम करने और शेयर बाजार में इस तेजी को भुनाने की संभावना के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पहली बार निवेशकों ने बाजार में प्रवेश किया.

दिप्रिंट से बात करते हुए वी.के. कोच्चि स्थित जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार विजयकुमार ने बताया कि मार्च 2020 में लॉकडाउन लागू होने के बाद, शेयर बाजार में नए प्रवेश करने वालों की संख्या में उछाल आया. उन्होंने कहा, ऐसा दो व्यापक कारणों से था.

उन्होंने कहा, “पहला तो यह कि वर्क-फ्रॉम-होम घर से काम करना भी ‘ट्रेड फ्रॉम होम’ बन गया. यानी, कि लोगों को शेयर बाजार में ट्रेंडिंग शुरू करने का समय और अवसर मिला.”

उन्होंने कहा, दूसरा कारण यह था कि इस अवधि के बाद 18 महीनों में सेंसेक्स और निफ्टी में उल्लेखनीय उछाल देखा गया. “2021 में शेयर बाज़ार का रिटर्न 24 प्रतिशत रहा.”

परिणामस्वरूप, अप्रैल 2020 और अक्टूबर 2021 के बीच शेयर बाजार प्रतिभागियों की कुल संख्या 4.14 करोड़ से बढ़कर 10.6 करोड़ हो गई – 156 प्रतिशत की वृद्धि, आंकड़ों से पता चला.

गिरावट की प्रवृत्ति

हालांकि, यह वृद्धि टिकाऊ नहीं थी. प्रत्येक शेयर बाज़ार में तेजी के साथ सुधार आता है और सेंसेक्स के साथ भी यही हुआ.

विजयकुमार ने कहा, “इस उछाल के बाद, लगभग नवंबर 2021 से, प्रतिभागियों की संख्या में वृद्धि धीमी होने लगी.”

उन्होंने बताया कि ऐसा शेयर बाज़ार में उम्मीद से कम रिटर्न मिलने के कारण हुआ. उनके अनुसार, 2021 में रिटर्न 24 फीसदी से घटकर 2022 में सिर्फ 4 फीसदी रह गया. उन्होंने कहा, “अब भी, 2023 में अब तक रिटर्न सिर्फ 5 फीसदी है.”

उन्होंने कहा, “इसलिए, जबकि अनुभवी निवेशक बने हुए हैं, नए प्रवेश करने वालों की वृद्धि काफी धीमी हो गई है,”

डेटा ने भी इस बात की पुष्टि की, क्योंकि नवंबर 2021 से जून 2023 की अवधि में बाजार सहभागियों की मासिक वृद्धि दर गिरकर 1.9 प्रतिशत हो गई.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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