नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) इंजीनियरिंग, पेट्रोलियम और रसायन जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से देश का निर्यात फरवरी में 22.36 प्रतिशत बढ़कर 33.81 अरब डॉलर रहा। हालांकि इस दौरान व्यापार घाटा भी बढ़कर 21.19 अरब डॉलर पहुंच गया।
वाणिज्य मंत्रालय के बुधवार को जारी शुरूआती आंकड़ों के अनुसार आलोच्य महीने में आयात करीब 35 प्रतिशत उछलकर 55 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान पेट्रोलियम और कच्चे तेल का आयात 66.56 प्रतिशत बढ़कर 15 अरब डॉलर रहा।
आयात और निर्यात के बीच अंतर को बताने वाला व्यापार घाटा फरवरी 2021 में 13.12 अरब डॉलर रहा था।
मंत्रालय के अनुसार, ‘‘देश का वस्तु निर्यात वित्त वर्ष 2021-22 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 45.80 प्रतिशत बढ़कर 374.05 अरब डॉलर रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2020-21 की इसी अवधि में यह 256.55 अरब डॉलर था।’’
चालू वित्त वर्ष के 11 महीनों (अप्रैल-फरवरी) में आयात 59.21 प्रतिशत बढ़कर 550.12 अरब डॉलर रहा।
इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 176.07 अरब डॉलर पहुंच गया जो वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 88.99 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार फरवरी में सोने का आयात 11.45 प्रतिशत घटकर 4.68 अरब डॉलर रहा।
इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का आयात करीब 29 प्रतिशत बढ़कर 6.24 अरब डॉलर रहा।
इंजीनियरिंग वस्तुओं, पेट्रोलियम और रसायन का निर्यात फरवरी में क्रमश: 31.34 प्रतिशत, 66.29 प्रतिशत और 24.74 प्रतिशत बढ़कर 9.27 अरब डॉलर, 4.1 अरब डॉलर और 2.4 अरब डॉलर रहा।
हालांकि औषधि निर्यात 3.13 प्रतिशत घटकर 1.9 अरब डॉलर रहा।
आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए, भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि निर्यात को समर्थन देने के लिये कई उपायों की घोषणा के बावजूद समय की जरूरत है कि जल्द ही निर्यात-पूर्व और बाद में रुपये में कर्ज देने की योजना के विस्तार की घोषणा के साथ एमईआईएस (भारत से वस्तु निर्यात योजना) के हस्तांतरण की अनुमति दी जाए। साथ ही निर्यात संवर्धन योजना की वैधता बढ़ाकर 24 महीने की जाए।
फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, ‘‘फरवरी में निर्यात वृद्धि ने एक बार फिर भारत के निर्यात क्षेत्र की निरंतर मजबूती को प्रदर्शित किया है।’’
भाषा
रमण प्रेम
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