नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) गेहूं के आटे, मैदा और सूजी के निर्यातकों को निर्यात निरीक्षण परिषद से गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करना होगा। एक सरकारी अधिसूचना में यह कहा गया है।
जुलाई में वाणिज्य मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा था कि इन वस्तुओं के निर्यातकों को निर्यात के लिए गेहूं के निर्यात पर अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
डीजीएफटी ने सोमवार को कहा, ‘‘निर्यात नीति या गेहूं का आटा, मैदा, सूजी (रवा या सिरगी), साबुत आटा जैसी सामग्री नियंत्रणमुक्त है, लेकिन निर्यात के लिए गठित अंतर मंत्रालय समिति की सिफारिश की जरूरत होगी।
आईएमसी द्वारा अनुमोदित सभी निर्यात की अनुमति दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में निर्यात निरीक्षण परिषद या ईआईए (निर्यात निरीक्षण एजेंसी) द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी करने के बाद दी जाएगी।
वर्ष 2021-22 में, भारत ने 24 करोड़ 65.7 लाख डॉलर के आटे का निर्यात किया था।
मई में भारत ने भीषण गर्मी से फसल के प्रभावित होने के कारण गेहूं की ऊंची कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
भाषा राजेश राजेश अजय
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