नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) निर्यातकों ने बृहस्पतिवार को आगामी बजट में सस्ती दरों पर कर्ज देने और कोष के सृजन जैसे उपायों की मांग की। उन्होंने कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट-पूर्व बैठक में भारतीय निर्यातक संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट निर्यात की प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही है और इसके कारण इस क्षेत्र को अधिक समर्थन की आवश्यकता है।
फियो ने कहा, ‘‘देश के सामने रोजगार सृजन की सबसे बड़ी चुनौती है… हम सरकार से निर्यात क्षेत्र में अतिरिक्त रोजगार देने वाली इकाइयों को वित्तीय सहायता देने का आग्रह करेंगे। इस तरह की योजना श्रमिकों को असंगठित से संगठित रोजगार की ओर बढ़ने में भी मदद करेगी।’’
महासंघ ने कहा कि निर्यात में वृद्धि के साथ ही रोजगार में वृद्धि के दोहरे लक्ष्य के आधार पर प्रोत्साहन दिया जा सकता है।
फियो ने कहा, ‘‘निर्यात को 460-470 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए बाजार विकास सहायता (एमडीए) योजना के तहत 200 करोड़ रुपये से कम का आवंटन किया गया है। यह काफी कम है।’’
ऐसे में संगठन ने आक्रामक विपणन के लिए एक निर्यात विकास कोष के गठन की जरूरत पर जोर दिया। इसके अलावा माल ढुलाई व्यय पर राहत देने की मांग भी की गई।
भाषा पाण्डेय अजय
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