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Sunday, 2 November, 2025
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ईएचवी ट्रांसमिशन टावर की विफलता पर विशेषज्ञों का डिजिटल हस्तक्षेप का सुझाव

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नयी दिल्ली, दो नवंबर (भाषा) बिजली वितरण कंपनियों को अपनी विद्युत पारेषण लाइन के डिजिटल समानांतर मॉडल (डिजिटल ट्विन) बनाने या उन्हें अपग्रेड करने की जरूरत है, ताकि हवा के दबाव, जमीन और भू-भाग का प्रभाव तथा पर्यावरणीय दबाव जैसी परिस्थितियों का अनुकरण किया जा सके और संभावित टूट-फूट या विफलता के बिंदुओं का पहले से अनुमान लगाया जा सके। उद्योग विशेषज्ञों ने यह सुझाव दिया है।

विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अत्यधिक उच्च वोल्टेज (ईएचवी) विद्युत पारेषण लाइन टावर का टूटना या विफलता एक शुरुआती चेतावनी संकेत है, जिसे समय रहते डिजिटल तरीकों से ठीक करना जरूरी है।

यह बयान उस समय आया है जब सरकार की एक समिति ने पाया कि जनवरी से जून, 2025 के बीच 75 ईएचवी विद्युत पारेषण लाइन टावर टूट गए। इसके बाद विभिन्न बिजली कंपनियों को सही रखरखाव करने के निर्देश दिए गए हैं।

उद्योग निकाय पीएचडीसीसीआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और महासचिव रंजीत मेहता ने कहा, ‘‘बिजली कंपनियों को यह सलाह दी जानी चाहिए कि वे महत्वपूर्ण विद्युत पारेषण मार्ग के डिजिटल समानांतर मॉडल बनाएं, ताकि हवा के दबाव, जमीन के प्रभाव और पर्यावरणीय दबाव का अनुकरण किया जा सके।’’

वोक्स एनर्जी के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीयूष गोयल ने कहा कि इंजीनियरिंग और संचालन एवं रखरखाव कर्मचारियों को जलवायु-सहिष्णु डिजाइन और डिजिटल निगरानी प्रणाली पर प्रशिक्षण देना आवश्यक है। इसके अलावा, वित्तपोषण और नीतिगत ढांचे में विद्युत पारेषण की मजबूती को उत्पादन क्षमता के बराबर महत्व दिया जाना चाहिए।

भाषा

योगेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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