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Sunday, 29 September, 2024
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कोलकाता में महंगे ईंधन ने बिगाड़ा लोगों के घर का बजट

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कोलकाता, पांच अप्रैल (भाषा) पेट्रोल एवं डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों ने कोलकाता महानगर के निवासियों के लिए रोजमर्रा के सामान को भी खरीद पाना इतना महंगा कर दिया है कि लोग बेहाल हो गए हैं।

कारोबारियों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में कोलकाता के अधिकांश इलाकों में सब्जियों, खाद्यान्न एवं खाद्य तेल के दाम में खासी तेजी आई है। इस महंगाई के लिए पिछले दो हफ्तों में पेट्रोल एवं डीजल के दामों में की गई 9.20 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी को जिम्मेदार बताया जा रहा है।

मंगलवार को कोलकाता में पेट्रोल 114.28 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बिक रहा था जबकि डीजल भी सैंकड़ा मारने के करीब पहुंच चुका है। डीजल 99.02 रुपये प्रति लीटर के भाव पर है।

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कृषि पर गठित कार्यबल के सदस्य रवींद्रनाथ कोले ने कहा, ‘‘आदर्श रूप में 25-30 रुपये प्रति किलो के भाव पर रहने वाली सब्जियां इस समय 40-50 रुपये की कीमत पर बिक रही हैं। इस महंगाई की वजह ईंधन की कीमतों में लगातार हुई वृद्धि है।’

कोलकाता के बड़ाबाजार इलाके में आलू के थोक कारोबारी गोपाल पाल के मुताबिक पिछले दो-तीन दिनों में ही आलू के थोक दाम में प्रति बोरी 50 रुपये तक की बढ़ोतरी हो चुकी है। पाल ने कहा कि एस1 किस्म का आलू इस समय 840 रुपये के भाव बिक रहा है, जबकि ज्योति किस्म 950 रुपये और चंद्रमुखी किस्म का आलू 1,150 रुपये प्रति बोरी के भाव पर चल रहा है।

इसी तरह चावल का खुदरा भाव भी सात से लेकर 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ चुका है।

खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाले तेल की कीमतों पर भी पेट्रोलियम वृद्धि का असर पड़ा है। कारोबारियों के मुताबिक, सरसों तेल एक हफ्ते में ही 165-180 रुपये से बढ़कर 195-210 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुंच गया है।

पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से निजी बस सेवा एवं कैब ऑपरेटर भी परेशान हो गए हैं। उन्होंने सरकार से किसी तरह की राहत न मिलने की स्थिति में अपने वाहनों को सड़कों से हटा लेने की धमकी भी दी है।

भाषा

प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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