नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सचिव एस कृष्णन ने बुधवार को कहा कि सरकार गलत सूचना सहित नियमों का उल्लंघन करने वाली सामग्री को हटाने में सोशल मीडिया कंपनियों से त्वरित सहयोग और कार्रवाई की उम्मीद करती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर मध्यस्थों (सोशल मीडिया कंपनियों) ने उस कानूनी ढांचे की भावना को समझ लिया है जिसमें वे काम करते हैं।
कृष्णन ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे पता चलते ही ‘डीपफेक’ और प्रतिबंधित सामग्री को तुरंत हटा दें। अगर कोई मध्यस्थ गलत सूचना को तुरंत नहीं हटाता या उसपर कार्रवाई नहीं करता है, तो ‘सेफ हार्बर प्रावधान’ लागू नहीं होते हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार गलत सूचना के संबंध में सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट है, कृष्णन ने कहा कि कुल मिलाकर, निरंतर आधार पर सरकार को सोशल मीडिया कंपनियों से जो सहयोग मिल रहा है वह ‘काफी हद तक पर्याप्त है।’
उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “…आप पाएंगे कि हम उनसे जितने मामलों को हटाने के लिए कहते हैं, वे उन कुल मामलों की संख्या का एक बहुत ही छोटा सा हिस्सा है, जो उनके अपने सामुदायिक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करती है, और इसमें गलत बयानी भी शामिल है।”
भाषा अनुराग अजय
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