नयी दिल्ली, आठ जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत करने के फैसले से आवास ऋण महंगा होगा और घरों की बिक्री घटेगी। संपत्ति सलाहकारों ने यह राय जताई है।
संपत्ति सलाहकार एनारॉक, नाइट फ्रैंक इंडिया, जेएलएल इंडिया, कोलियर्स इंडिया, इंडिया सॉथबी इंटरनेशनल रियल्टी और इन्वेस्टर्स क्लिनिक ने कहा कि मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए रिजर्व बैंक का यह कदम उम्मीद के अनुरूप है। इससे आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ेंगी।
एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘रेपो दर में वृद्धि से आवास ऋण महंगा होगा। रिजर्व बैंक द्वारा पिछले महीने नीतिगत दरों में बढ़ोतरी के बाद से ब्याज दरें पहले से बढ़ने लगी हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, ब्याज दरें 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौर से नीचे रहेंगी। उस समय ये 12 प्रतिशत और इससे ऊपर थीं।’’
पुरी ने कहा कि ब्याज दरों में वृद्धि का असर आवासीय खंड की बिक्री पर आगामी महीनों में दिखाई देगा। सस्ते और मध्यम खंड के घरों की बिक्री पर इसका असर अधिक दिखाई देगा।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमेश नायर का मानना है कि बैंक रेपो दर में वृद्धि का बोझ आगामी महीनों में धीरे-धीरे ग्राहकों पर डालेंगे।
हाउसिंग.कॉम और प्रॉपटाइगर.कॉम के सीईओ ध्रुव अग्रवाल ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक द्वारा कुछ दिन में ही नीतिगत दरों में दो बार की बढ़ोतरी से अंतत: आवास ऋण पर ब्याज दरें बढ़ेंगी, जिससे ग्राहकों की धारणा प्रभावित होगी।’’
नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि आवास ऋण महंगा होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ब्याज दरों में बढ़ोतरी के अलावा निर्माण की लागत और उत्पादों के दाम भी बढ़े हैं। इस वजह से खरीदारों की धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।’’
इंडिया सॉथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के सीईओ अमित गोयल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसका आवासीय खंड की मांग पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। मांग पहले से मजबूत बनी हुई है।
गोयल ने उम्मीद जताई कि साल के अंत तक मुद्रास्फीति नीचे आएगी, जिसके बाद केंद्रीय बैंक निचली ब्याज दरों का दौर फिर शुरू करेगा।
जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री और शोध प्रमुख समंतक दास ने कहा कि नीतिगत दरों में बढ़ोतरी मुख्य रूप से घर खरीदारों की धारणा को प्रभावित करने का काम करेगी।
दास ने कहा कि कुल मिलाकर खरीद पर इसका बहुत अधिक असर नहीं होगा।
इन्वेस्टर्स क्लिनिक के संस्थापक हनी कटियाल ने कहा कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से रियल एस्टेट क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित होगा।
भाषा अजय अजय रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.