मुंबई, 26 जुलाई (भाषा) वाहन कलपुर्जा उद्योग के राजस्व में 2027 तक 9-11 प्रतिशत हिस्सा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उपकरणों का होने की उम्मीद है। विश्लेषक फर्म क्रिसिल ने यह अनुमान जताया है।
क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि परंपरागत वाहनों के उपकरणों की आपूर्ति में वृद्धि का सिलसिला कायम रहने के बीच ईवी उपकरणों की हिस्सेदारी भी बढ़ेगी। फिलहाल कुल वाहन कलपुर्जा बाजार में ईवी की हिस्सेदारी महज एक प्रतिशत है।
क्रिसिल का अनुमान है कि इलेक्ट्रिक वाहन उपकरणों का राजस्व सालाना आधार पर 76 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2026-27 में 72,500 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। वित्त वर्ष 2021-22 में यह 4,300 करोड़ रुपये रहा था।
बढ़े हुए राजस्व में करीब 60 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले बैटरी खंड की रहने की संभावना है। इसके साथ ही ईवी उपकरण आपूर्ति का 90 प्रतिशत हिस्सा दोपहिया एवं यात्री वाहनों का हो सकता है।
क्रिसिल ने ईवी उपकरण विनिर्माण में लगी 220 कंपनियों के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि ईवी का इस्तेमाल बढ़ने से घरेलू वाहन उपकरण विनिर्माताओं के लिए अवसरों के साथ चुनौतियां भी बढ़ेंगी।
भाषा प्रेम
प्रेम अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.