नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष में अब तक दावा करने के तीन दिन के ही भीतर लगभग 50 प्रतिशत दावों का निपटारा किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
इस अधिकारी ने पांच जून तक के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक अप्रैल, 2025 से पांच जून, 2025 के बीच तीन दिन के भीतर कुल 68.96 लाख दावों का निपटारा किया है।
उन्होंने कहा कि इस तरह निपटाए गए दावों का अनुपात वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 39 प्रतिशत यानी 2.34 करोड़ था।
अधिकारी ने कहा कि तीन दिनों के भीतर निपटाए गए दावों का अनुपात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि ईपीएफओ जल्द ही स्वचालित दावा निपटान की सीमा को मौजूदा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर देगा।
अधिकारी ने यह भी कहा कि इस सीमा में वृद्धि के लिए ईपीएफओ के शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की मंजूरी की जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस काम को ईपीएफओ के कार्यकारी प्रमुख यानी केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त की तरफ से ही किया जा सकता है।
केंद्रीय न्यासी बोर्ड में नियोक्ता और ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि शामिल होते हैं जबकि इसका नेतृत्व केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री करते हैं।
वर्तमान में, एक लाख रुपये तक के सभी पात्र निकासी दावों का निपटान स्वचालित ढंग से किया जाता है, बशर्ते सभी आवश्यक शर्तें पूरी हों।
बीमारी, शिक्षा, आवास और विवाह के लिए एक लाख रुपये तक के ईपीएफओ अग्रिम दावों का निपटान केवल तीन दिन में किया गया।
ईपीएफओ का अंतिम लक्ष्य पेंशन, समूह बीमा और ईपीएफ निकासी जैसे सभी प्रकार के दावों को दाखिल करने के 72 घंटों के भीतर निपटाना है।
अधिकारी ने कहा कि निकाय पुराने आंकड़ों से निपटने के तरीकों पर काम कर रहा है जिनकी वजह से दावा निपटान प्रक्रिया में देरी होती है।
ईपीएफओ के सात करोड़ से अधिक योगदानकर्ता सदस्य हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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