scorecardresearch
Friday, 20 December, 2024
होमदेशअर्थजगतED की चीनी कंपनियों पर की गई कार्रवाई 'हवाला कारोबारी' चार्ली पेंग की गिरफ्तारी से जुड़ी- सूत्र

ED की चीनी कंपनियों पर की गई कार्रवाई ‘हवाला कारोबारी’ चार्ली पेंग की गिरफ्तारी से जुड़ी- सूत्र

जेडटीई कॉर्प के बाद दिसंबर 2021 में आयकर विभाग ने शाओमी, ओपो, वनप्लस और कुछ फिनटेक कंपनियों के दो दर्जन से अधिक परिसरों पर छापेमारी की थी.

Text Size:

नई दिल्ली: आयकर विभाग और प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा चीनी फर्मों पर हालिया कार्रवाई चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ ​​चार्ली पेंग की गिरफ्तारी से जुड़ी है. जिस पर हवाला नेटवर्क चलाने का आरोप है. हालांकि, कंपनियों ने आरोपों से इनकार किया है.

सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी साझा की है.

जानकारी के लिए बता दें कि चार्ली पेंग को हवाला नेटवर्क चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

आयकर विभाग ने चार्ली पेंग को अगस्त 2020 में 1,000 करोड़ रुपए के हवाला नेटवर्क से जुड़े छापेमारी में पकड़ा था.

तलाशी के बाद हवाला लेनदेन और पेंग के परिसर से मिले सबूतों की जांच करते हुए एक सरकारी सूत्र ने बताया कि विभाग को पता चला कि वह टॉप चीनी मोबाइल और फिनटेक कंपनियों के लिए हवाला नेटवर्क चला रहा था.

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेंट्रल बॉर्ड ऑफ डायरेक्ट टेक्सिस (सीबीडीटी) के आला अधिकारियों को चार्ली पेंग हवाला नेटवर्क के बारे में सूचना दी गई थी.

पेंग अपनी फर्जी कंपनियों के जाल के जरिए हवाला लेनदेन कर रहा था और चीन से आने-जाने के लिए धन की निकासी को अंजाम दे रहा था. सबूतों को देखने के बाद, विभाग ने अधिकारियों को हरी झंडी दे दी और आयकर विभाग की दिल्ली जांच शाखा को चार्ली पेंग के हवाला सांठगांठ पर अंकुश लगाने का काम सौंपा गया.

एक और सूत्र ने बताया कि अगस्त 2020 में चार्ली पेंग में आयकर खोज के बाद, अगस्त 2021 में जेडटीई कॉर्प के पांच परिसरों में तलाशी ली गई. बाद में, वित्त मंत्रालय ने जेडटीई का नाम लिए बिना एक बयान में कहा, ‘आयात बिलों की जांच और बिक्री बिलों से पता चलता है कि उपकरणों के व्यापार पर लगभग 30 प्रतिशत का सकल लाभ हुआ था, हालांकि कंपनी पिछले कुछ सालों में भारी नुकसान दिखा रही है.

बयान में आगे लिखा है, ‘इस तरह से यह साफ है कि कंपनी द्वारा ली जाने वाली सेवाओं के संबंध में फर्जी खर्चों के जरिए घाटे दिखाई जा रहे हैं. कुछ ऐसे प्राप्तकर्ताओं की पहचान की गई है जिनके मामले में वर्षों से पर्याप्त खर्च बुक किया गया है। ये संस्थाएं उनके पते पर गैर-मौजूद पाए गए हैं.’

वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘यह संस्थाएं भी अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करती हैं. ऐसी और भी संदिग्ध संस्थाओं की जांच की जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि फर्जी खर्च सैकड़ों करोड़ में होगा.’

जेडटीई कॉर्प के बाद दिसंबर 2021 में आयकर विभाग ने शाओमी, ओपो, वनप्लस और कुछ फिनटेक कंपनियों के दो दर्जन से अधिक परिसरों पर छापेमारी की थी.


यह भी पढ़े: मेरठ में ‘स्टार्टअप कल्चर’ का मतलब है- कर्ज़ लेने में मुश्किलें, कम मांग, ग़लत उम्मीद


share & View comments