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Saturday, 21 December, 2024
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फरवरी में खाद्य तेल आयात 23 प्रतिशत बढ़कर 9.84 लाख टन पर

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नई दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) भारत का खाद्य तेल आयात फरवरी में 23 प्रतिशत बढ़कर 9,83,608 टन पर पहुंच गया। इसका मुख्य कारण रिफाइंड पामतेल के आयात में भारी वृद्धि होना है। उद्योग निकाय सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पिछले साल इसी महीने में खाद्य तेल का आयात 7,96,568 टन रहा था।

एसईए ने एक बयान में कहा कि फरवरी 2021 के 8,38,607 टन के आयात की तुलना में इस बार वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य) का कुल आयात बढ़कर 10,19,997 टन हो गया।

कुल वनस्पति तेलों के आयात में खाद्य तेलों का आयात फरवरी, 2021 के 7,96,568 टन से बढ़कर इस बार 9,83,608 टन हो गया।

रिफाइंड पाम तेल का आयात 6,000 टन से बढ़कर 3,02,928 टन हो गया।

गैर-खाद्य तेल का आयात पिछले महीने घटकर 36,389 टन ​​रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 42,039 टन था।

एसईए ने कहा कि आरबीडी पामोलिन का आयात 21,601 टन से बढ़कर 5,19,450 टन हो गया।

इसके उलट, कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात 24,89,105 टन से घटकर 15,62,639 टन रह गया।

भारत आमतौर पर प्रतिमाह लगभग 1.75-2 लाख टन सूरजमुखी तेल का आयात करता है।

एसईए ने कहा, ‘रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष ने सूरजमुखी तेल की आपूर्ति को प्रभावित किया है। फरवरी, 2022 में लगभग 1,52,000 टन सूरजमुखी तेल भारत आया और मार्च, 2022 में समान मात्रा में सूरमुखी तेल आने की संभावना है, क्योंकि युद्ध से पहले लदान वाले मालवाहक पोत चालू माह के दौरान भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचेंगे।’’

एसईए ने कहा कि यदि युद्ध जारी रहता है, तो बाद के महीनों में सूरजमुखी तेल के आयात में गिरावट आ सकती है।

हालांकि, सूरजमुखी तेल की उपलब्धता में कमी को सोयाबीन और सरसों के तेल की उच्च घरेलू उपलब्धता से पूरा किया जा सकता है।

एसईए ने बताया कि नौ मार्च को इंडोनेशिया सरकार द्वारा घरेलू बिक्री की सीमा को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की घोषणा से इंडोनेशियाई निर्यात की मात्रा में और कमी आएगी और वैश्विक निर्यात आपूर्ति में कमी आएगी।

बयान में कहा गया है, ‘इन दो कारकों के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में भारी उतार-चढ़ाव आया है।’

वित्त मंत्रालय ने कच्चे पाम तेल के आयात पर कृषि अवसंरचना और विकास उपकर को मौजूदा 7.5 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया है। इस प्रकार सीपीओ और आरबीडी के तेलों के बीच शुल्क अंतर को पहले के 5.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.25 प्रतिशत कर दिया है।

एसईए ने कहा, ‘इससे संकटग्रस्त रिफाइनिंग उद्योग को थोड़ी राहत मिली, लेकिन इतना पर्याप्त नहीं है।’

इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश हैं। कच्चा सोयाबीन तेल मुख्य रूप से अर्जेंटीना और ब्राजील से आयात किया जाता है, जबकि कच्चा सूरजमुखी तेल यूक्रेन और रूस से आयात किया जाता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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