scorecardresearch
Thursday, 7 November, 2024
होमदेशअर्थजगतवित्तमंत्री सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद

वित्तमंत्री सीतारमण ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि नया कारोबार शुरू करने, संपत्ति पंजीकरण, कर भुगतान और अनुबंधों के प्रवर्तन को सुगम करने के लिए उपायों की जरूरत है.

Text Size:

नई दिल्ली: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. 2020-21 में जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने की उम्मीद है. वहीं चालू वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 5 प्रतिशत रहने का ही अनुमान है. आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटे के लक्ष्य से पीछे हटना पड़ सकता है.

आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि नया कारोबार शुरू करने, संपत्ति पंजीकरण, कर भुगतान और अनुबंधों के प्रवर्तन को सुगम करने के लिए उपायों की जरूरत है. देश में व्यवसाय करने को आसान बनाने के लिए और सुधार करने का आह्वान किया गया है.

आर्थिक समीक्षा में सरकारी बैंकों की संचालन व्यवस्था में सुधार तथा भरोसा कायम करने के लिए और अधिक सूचनाएं सार्वजनिक रूप से प्रकाशित करने पर जोर दिया गया है.

वित्तमंत्री ने कहा कि भारत ने विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता श्रेणी में 79 स्थानों की छलांग लगाई है. भारत 2014 के 142 वें स्थान से 2019 में 63वें स्थान पर पहुंच गया है. आर्थिक समीक्षा में कहा गया है देश ने 10 मानकों में से 7 मानकों में प्रगति दर्ज की है. जीएसटी और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) कानून उन सुधारों की सूची में सबसे उपर हैं जिनके कारण श्रेणी में भारत की स्थिति बेहतर हुई है. हालांकि, भारत कुछ अन्य मानकों यथा कारोबार शुरू करने में सुगमता (श्रेणी 136), सम्पत्ति का पंजीयन (श्रेणी 154), कर भुगतान (श्रेणी 115), संविदाओं को लागू करना (श्रेणी 163) आदि में अभी भी पीछे है.

आर्थिक सर्वे में सरकार ने बताया, पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत में कारोबार शुरू करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की संख्या 13 से घटकर 10 रह गई है. आज भारत में कारोबार शुरू करने के लिए औसतन 18 दिनों का समय लगता है जबकि 2009 में औसतन 30 दिनों का समय लगता था. हालांकि भारत ने कारोबार शुरू करने में लगने वाले समय और लागत में महत्वपूर्ण कमी की है. लेकिन इसमें और सुधार की आवश्यकता है.

आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि पिछले 5 वर्षों के दौरान भारत ने निर्माण अनुमति प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया है. 2014 में निर्माण अनुमति प्राप्त करने में लगभग 186 दिनों का समय लगता था और भण्डारण लागत का 28.2 प्रतिशत व्यय होता था. 2014 की तुलना में 2019 में 98-113.5 दिनों का समय लगता है और भण्डारण लागत का 2.8-5.4 प्रतिशत खर्च होता है.

आर्थिक सर्वे में बताया गया पर्यटन और विनिर्माण जैसे खास क्षेत्रों की कारोबारी सुगमता को सरल बनाने में, और अधिक लक्षित पहुंच की जरूरत है.

गौरतलब है कि ​वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में बजट पेश करेगी. बजट का पहला सत्र 31 जनवरी से 11 फरवरी तक चलेगा. वहीं दूसरा चरण 2 मार्च से 3 अप्रैल तक चलेगा.

share & View comments