नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शनिवार को एक मजबूत अर्थव्यवस्था की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि आर्थिक शक्ति होने से न केवल भारत की बात को सुना जाएगा बल्कि बाकी दुनिया के साथ अपने व्यवहार में भी भारत प्रेरणा का सबब बनेगा।
कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री सिंह ने अपने मंत्रालय के तहत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के हिस्से के रूप में प्रतिस्पर्धा कानून पर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि आर्थिक शक्ति होने से परिदृश्य बदल गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘जब भारत स्वतंत्र हुआ तो अधिकांश उद्योग सरकारी स्वामित्व वाले या सार्वजनिक स्वामित्व वाले थे। लेकिन अब सरकार नियामक नहीं है। हम अब निरीक्षक नहीं हैं, हम सिर्फ सुविधा देने का काम करते हैं।’’
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक शक्ति न केवल हमारी आवाज को सुनने लायक बनाने जा रही है बल्कि इस दुनिया में हम जो कुछ भी लागू करना चाहते हैं, उसमें प्रेरक भी है।’’
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी जबकि एक साल पहले यह 6.6 प्रतिशत दर से बढ़ी थी।
सिंह ने कहा, ‘‘जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो भारत की जीडीपी 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी लेकिन आज हम 8.7 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहे हैं। अगर हम कोविड के बाद भी इस उच्च वृद्धि को हासिल कर सकते हैं तो हम अधिकांश आर्थिक महाशक्तियों और अपने सभी पड़ोसियों की तुलना में तेजी से प्रगति कर रहे हैं। हम अगले 25 साल में क्या नहीं हासिल कर सकते हैं?”
उच्च आर्थिक विकास हासिल करने के लिए उन्होंने सबको साथ मिलकर काम करने और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका सहयोग’ को जरूरी बताया।
इस मौके पर सिंह ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अब तक के सफर पर बनी एक फिल्म का विमोचन करने के साथ ही निबंध और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया।
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