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Monday, 18 November, 2024
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कपास के शुल्क मुक्त आयात से कपड़े के मूल्य वर्धित निर्यात को बढ़ावा मिलेगा: फियो

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नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) कपास आयात पर सीमा शुल्क की छूट देने के सरकार के फैसले से कपड़े के मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने बृहस्पतिवार को यह कहा।

फियो अध्यक्ष ने कहा कि इस कदम से धागा और कपड़े की कीमतों में नरमी आएगी और परिधान तथा कपड़े के अन्य उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा।

वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कपास आयात पर 30 सितंबर तक सीमा शुल्क की छूट देने की घोषणा की। इससे कपड़ा उद्योग के साथ उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।

फिलहाल कपास आयात पर पांच प्रतिशत का मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और पांच प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) लगता है। उद्योग घरेलू कीमतों में कमी लाने के लिये शुल्क से छूट की मांग कर रहा था।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कपास आयात के लिये सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना विकास उपकर से छूट को अधिसूचित किया है।

शक्तिवेल ने कहा, ‘‘इससे सूती वस्त्र निर्यात को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि कपास के ऊंचे दाम प्रतिस्पर्धा में बाधक बन रहे थे।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका और कई अन्य देशों में परिधान निर्यात में भारत ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है और संयुक्त अरब अमीरात तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता होने से इसे और भी बढ़ावा मिलेगा।

शक्तिवेल ने कहा, ‘‘सरकार ने कपड़ा क्षेत्र को पूरा समर्थन दिया है और हमें 2030 तक कपड़ा निर्यात बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करने के प्रयास करने चाहिए।’’

भाषा मानसी

मानसी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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