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Sunday, 22 December, 2024
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एजुकेशन का डिजिटलीकरण और 60 लाख नौकरियां, जानें Budget 2022 में शिक्षा और रोजगार के लिए क्या है

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में डिजिटल यूनिवर्सिटी की घोषणा के साथ साथ अगले पांच साल में 60 लाख नौकरियां सृजित करने की उम्मीद जताई है.

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नई दिल्लीः मंगलवार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने के साथ साथ 60 लाख नौकरियां देने की भी घोषणा की. संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल यूनिवर्सिटी का गठन हब एंड स्पोक मॉडल पर किया जाएगा.

शुरू होगा वन क्लास वन टीवी चैनल

सीतारमण ने कहा कि कोरोना काल में महामारी के दौरान जो पाबंदियां लगाई गईं उसकी वजह से शिक्षा का काफी नुकसान हुआ है, इसलिए इस नुकसान की भरपाई करने पर सरकार विचार कर रही है. जिसके लिए ‘एक क्लास- एक टीवी चैनल’ की शुरुआत की जाएगी. इसके अलाव उन्होंने यह भी कहा कि नारी शक्ति की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तीन योजनाएं महिलाओं एवं बच्चों के समेकित विकास के लिए शुरू की गई थीं.

इस कार्यक्रम के जरिए 200 नए चैनल शुरू किए जाएंगे. इसके जरिए सभी राज्यों में 1 से लेकर 12वीं तक के बच्चों को उनकी क्षेत्रीय भाषाओं में सप्लीमेंट्री शिक्षा प्रदान की जाएगी.

ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए वन क्लास-वन चैनल की शुरूआत की गई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 200 चैनल तक किया जाएगा.

ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट गुरुग्राम में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर औऱ पीजीडीएम प्रोग्राम डायरेक्टर वीपी सिंह का कहना है, ‘डिजिटल इकॉनमी में डिजिटल एजुकेशन की जरूरत है और इस बजट में ऐसा प्रावधान किया गया है. किसी भी क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाने और आर्थिक विकास के लिए शिक्षा के क्षेत्र में इनोवेशन की जरूरत होती है. डिजिटल देश डिजिटल यूनिवर्सिटी का कॉन्सेप्ट शिक्षा को न सिर्फ हर जगह आसानी से उपलब्ध करा देगा बल्कि इसकी लागत भी काफी कम होगी.’


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शिक्षा के क्षेत्र में की गईं अन्य घोषणाएं

इसके अलावा वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि टीवी, इंटरनेट, रेडियो और अन्य डिजिटल माध्यमों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर होगा ताकि टीचर्स को ई-कंटेंट मिल सके. साथ ही पांच शिक्षण संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भी दर्जा दिया जाएगा इन संस्थानों के लिए एआईसीटीई फैकल्टी और शिक्षण संस्थानों की देखरेख करेगा. इसके अलावा दो लाख आंगनबाड़ी को अपग्रेड भी किया जाएगा.

वहीं शिव नडार स्कूल की डायरेक्ट ऑफ एजुकेशन शशि बनर्जी का कहना है, ‘बजट में शिक्षा के लिए किए गए प्रावधान स्वागतयोग्य हैं. महामारी के दौर में शिक्षा का डिजिटलीकरण उम्मीद की किरण है. ई-लर्निंग के जरिए गांव या छोटे शहरों और बड़े शहरी बच्चों के बीच की खाई को खत्म करने में मदद मिलेगी. साथ ही ई-विद्या स्कीम के तहत पहली से 12वीं कक्षा के लिए 12 से 200 चैनल करना और उनकी भाषा में कंटेंट उपलब्ध कराना बड़ी उपलब्धि होगी.’

अगले 5 साल में बनेंगी 60 लाख नौकरियां

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए 14 सेक्टर्स में प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम को काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है. इसके जरिए अगले पांच सालों में 60 लाख नौकरियां सृजित की जा सकेंगी और अतिरिक्त 30 लाख करोड़ रुपये का प्रोडक्शन किया जा सकेगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में महिला, छात्र, किसान और सार्वजनिक क्षेत्र के इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास का खास ख्याल रखा गया है. पीएम गति शक्ति अर्थव्यवस्था को आगे लेकर जाएगी जिससे युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियों के अवसर मिल सकेंगे.

कांग्रेस ने बताया मिडिल क्लास के साथ धोखा

हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस बजट को नौकरी पेशा व मध्यम वर्ग के लिए धोखा करार दिया. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि महामारी के काल में नौकरी पेशा और मध्यम वर्ग कुछ रियायत दिए जाने की अपेक्षा थी लेकिन वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री ने फिर से एक बार लोगों को निराश कर दिया है.


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