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Friday, 5 September, 2025
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डीजीसीए ने विमानों के आयात संबंधी नियमों में संशोधन का प्रस्ताव रखा

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नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) विमानों के आयात संबंधी नियमों में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत अब एयरलाइंस को 20 साल तक पुराने विमानों के आयात की अनुमति मिलेगी।

फिलहाल केवल 18 साल तक पुराने यात्री विमानों को ही आयात करने की अनुमति है।

डीजीसीए ने नागर विमानन प्रावधानों (सीएआर) में संशोधन का यह मसौदा जारी किया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इस संशोधन मसौदे में यात्री विमानों की अधिकतम आयु सीमा 18 से बढ़ाकर 20 वर्ष और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों के लिए उम्र सीमा 20 वर्ष से बढ़ाकर 25 वर्ष करने का प्रस्ताव है।

मसौदे के मुताबिक, यात्री सेवाओं और सामान्य विमानन संचालन के लिए आयात किए जाने वाले दाबयुक्त विमान 20 वर्ष से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए और उनकी डिजाइन आर्थिक आयु का 65 प्रतिशत से अधिक उपयोग नहीं हुआ होना चाहिए।

जहां तक प्रशिक्षण एवं निजी विमानों का सवाल है तो इनके आयात की अनुमति हरेक मामले को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी। इसके लिए शर्त यह होगी कि उस विमान ने पिछले छह माह में कम से कम 50 घंटे उड़ान भरी हो। हालांकि 25 साल से अधिक पुराने विमानों का आयात नहीं किया जाएगा।

देश में वर्तमान में पट्टे पर लिए गए 800 से अधिक विमान परिचालन में हैं। भारतीय एयरलाइंस अपने बेड़े का तेजी से विस्तार कर रही हैं और 1,400 से अधिक विमानों का ऑर्डर दिया गया है।

वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान के कारण विमानों की आपूर्ति प्रभावित होने से एयरलाइंस अल्पकालिक पट्टे पर विमान ले रही हैं। ऐसे में विमानों के आयात नियमों में प्रस्तावित बदलाव उन्हें पट्टा विकल्पों में अधिक लचीलापन देंगे।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार है और यहां हवाई यात्री यातायात के वर्ष 2030 तक दोगुना होकर 50 करोड़ हो जाने का अनुमान है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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