नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) डाक विभाग ने अपनी जीपीएस आधारित पता सेवा डिजिपिन को बेहतर बनाने के लिए नागरिकों, विकासकर्ताओं और संस्थानों सहित विभिन्न हितधारकों से भागीदारी करने के लिए कहा है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
डाक विभाग ने 27 मई को राष्ट्रीय भू-स्थानिक नीति 2022 के अनुरूप ‘अपना डिजिपिन जानें’ और ‘अपना पिन कोड जानें’ सेवाएं शुरू करने की घोषणा की थी।
बयान में कहा गया, ”डाक विभाग नागरिकों, विकासकर्ताओं, संस्थानों और अन्य हितधारकों को दोनों पोर्टलों की छानबीन करने और उन्हें बेहतर बनाने में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करता है।”
डाक विभाग ने आईआईटी हैदराबाद और एनआरएससी, इसरो के सहयोग से डिजिपिन (डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर) विकसित किया है।
बयान में कहा गया है कि डिजिपिन पहल का उद्देश्य स्थान मानचित्रण को सरल बनाना, लॉजिस्टिक और आपातकालीन प्रतिक्रिया को बढ़ाना और अंतिम छोर तक वितरण सुनिश्चित करना है।
इसमें आगे कहा गया कि ‘अपना पिन कोड जानें’ सेवा के जरिये डाक विभाग का लक्ष्य छह अंकों की पिन कोड प्रणाली की भौगोलिक सटीकता को आधुनिक बनाना है।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.