नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) गोवा में खनन क्षेत्र में सक्रिय लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले गोवा माइनिंग पीपल्स फ्रंट (जीएमपीएफ) ने राज्य में खनन कार्य दोबारा शुरू करने की मंजूरी देने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया है।
जीएमपीएफ ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि गोवा में खनन गतिविधियों पर लगी रोक फौरन हटाने की गुहार केंद्र सरकार से लगाई गई है। गोवा में खनन पर लगी पाबंदी के चार साल पूरे हो चुके हैं।
जीएमपीएफ ने यह अनुरोध तब किया है जब राज्य में नई सरकार गठित होने वाली है। जीएमपीएफ ने अपने बयान में कहा कि केंद्र सरकार के अलावा राज्य के नवनिर्वाचित विधायक खनन की बहाली के लिए प्रयास करें। उसने इसके लिए छह महीने के भीतर एक समुचित समाधान निकालने की भी मांग की।
फरवरी, 2018 में उच्चतम न्यायालय ने गोवा में 88 खनन पट्टों को निरस्त कर दिया था जिसके बाद लौह अयस्क उद्योग एकदम निष्क्रिय हो गया। इसकी वजह से गोवा में खनन क्षेत्र में लगे 75,000 लोगों और करीब तीन लाख आश्रित लोगों की जिंदगी भी प्रभावित हुई।
राज्य की भाजपा सरकार ने खनन गतिविधियों की बहाली के वादे लगातार किए हैं लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। भाजपा को एक बार फिर से सरकार बनाने का मौका मिलने के बाद जीएमपीएफ की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
जीएमपीएफ के अध्यक्ष पुती गांवकर ने कहा कि खनन क्षेत्र पर निर्भर लोगों की वित्तीय स्थिति बेहद खराब चल रही है। ऐसे में सरकार को जल्द ही कोई ठोस समाधान लेकर आना चाहिए।
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प्रेम अजय
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