नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) दिल्ली रेरा के चेयरमैन आनंद कुमार ने कहा है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं का नियामक के पास पंजीकरण जरूर कराना चाहिए ताकि खरीदारों के हितों को सुरक्षित रखा जा सके।
कुमार ने मंगलवार को भारतीय उद्योग परिसंघ और दिल्ली राज्य रियल एस्टेट उप समिति की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डीडीए को भी अपनी परियोजनाओं का पंजीकरण रेरा के पास कराना होगा।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट विकास से जुड़े संगठनों को रियल एस्टेट नियमन प्राधिकरण (रेरा) के पास परियोजनाओं का पंजीयन जरूर कराना चाहिए। ऐसा नहीं करने वाले संगठनों के खिलाफ कदम उठाने का भी अधिकार प्राधिकरण को मिला हुआ है।
रेरा अधिनियम के अनुरूप दिल्ली रेरा प्राधिकरण का गठन नवंबर 2018 में किया गया था। यह दिल्ली के रियल एस्टेट क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों के नियमन के लिए उत्तरदायी है।
दिल्ली-रेरा प्राधिकरण के प्रमुख ने कहा, ‘‘दिल्ली में रियल एस्टेट विकास कार्यों से जुड़ा कोई भी संगठन, चाहे वह डीडीए या दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम जैसा प्राधिकरण हो, अगर वह भूखंडों के विकास या रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़ा है तो उसे हमारे पास पंजीकरण कराना ही होगा।’’
उन्होंने कहा कि डीडीए भले ही भवनों के विकास से जुड़ा हुआ है लेकिन वह आखिर में ग्राहकों को घरों की बिक्री ही करता है। ऐसे में अगर परियोजनाओं के विकास में देर होती है तो खरीदार को ही नुकसान होता है।
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