नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को गुजरात सरकार की अपील को स्वीकार करते हुए गलत तरीके से कर छूट का लाभ लेने को लेकर आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया लि. से 480.99 करोड़ रुपये के खरीद कर और जुर्माने की मांग को बरकरार रखा।
आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील को पहले एस्सार स्टील लि. के नाम से जाना जाता था।
शीर्ष अदाले ने कहा कि राज्य की छूट अधिसूचना को सही अर्थ में तथा विधायिका की भावना के अनुसार लिया जाना चाहिए। सांविधिक प्रावधानों में घट-बढ़ की गुंजाइश नहीं होती।
न्यायाधीश एम आर शाह और न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने उच्च न्यायालय के 2016 के फैसले के खिलाफ गुजरात सरकार की अपील पर फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय ने कंपनी के पक्ष में दिये गये गुजरात मूल्य वर्धन कर न्यायाधिकरण, अहमदाबाद के आदेश को बरकरार रखा था।
पीठ ने न्यायाधिकरण और उच्च न्यायालय के फैसलों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि आर्सेलर मित्तल निप्पन स्टील इंडिया 1992 के राज्य अधिसूचना के तहत बिकी कर की राशि के भुगतान से छूट की हकदार है।
न्यायालय ने आकलन अधिकारी के आदेश को बरकरार रखा जिसमें कंपनी से 480.99 करोड़ रुपये के खरीद कर की मांग की गयी थी और जुर्माना लगाया गया था। यह खरीद कर की मांग और जुर्माना 1995-1996 से 2005-2006 की अवधि से संबंधित था।
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय
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