नयी दिल्ली, दो सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एचएलएल लाइफकेयर लि. की विनिवेश प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब तलब किया।
एचएलएल लाइफकेयर लि. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला केंद्रीय लोक उपक्रम है।
न्यायाधीश एस ए नजीर और न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने सबका सहयोग सोसायटी की याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा। याचिका में सरकार के एचएलएल लाइफकेयर के निजीकरण के निर्णय को चुनौती दी गयी है।
एचएलएल लाइफकेयर गर्भ निरोधक, महिलाओं के स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े उत्पादों के साथ-साथ अन्य दवाएं बनाने और उसके विपणन में शामिल है।
यह स्वास्थ्य संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिये अनुबंध सेवाओं के साथ स्वास्थ्य देखभाल और विभिन्न बीमारियों का पता लगाने के लिये जांच सेवाओं से भी जुड़ी है।
याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और तनवी दुबे शामिल हुए।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि एचएलएल लाइफकेयर कोविड-19 महामारी के दौरान पीपीई किट की खरीद में नोडल एजेंसी थी। टीकों की खरीद के लिये भी एजेंसी थी।
याचिका में एचएलएल लाइफकेयर की आपातकालीन राहत कार्यों में भूमिका का जिक्र करते हुए कहा गया है कि महामारी से निपटने के लिये टीकाकरण अभियान अब भी चल रहा है। ऐसे में देश इस महत्वपूर्ण मोड़ पर एचएलएल लाइफकेयर जैसे संस्थान का निजीकरण करने का जोखिम नहीं उठा सकता।
उल्लेखनीय है कि निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग ने सार्वजनिक उपक्रम में सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिये बोलियां आमंत्रित की है।
सरकार ने इस साल मार्च में कहा कि उसे एचएलएल लाइफकेयर के लिये कई शुरुआती बोलियां मिली हैं।
भाषा
रमण अजय
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