नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) वित्त मंत्रालय ने नए आयकर विधेयक में अग्रिम कर की कम अदायगी पर ब्याज वसूली संबंधी प्रावधान को लेकर मंगलवार को एक सुधार अधिसूचना जारी की।
इस अधिसूचना में निर्धारित तारीख तक अग्रिम कर की कम अदायगी करने पर तीन प्रतिशत ब्याज की वसूली का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही इस प्रावधान को आयकर अधिनियम, 1961 के मौजूदा प्रावधानों के अनुरूप बना दिया गया है।
मौजूदा नियमों के तहत जिन करदाताओं पर 10,000 रुपये या उससे अधिक का कर देय होता है, उन्हें अग्रिम कर चार किस्तों में चुकाना होता है। इन किस्तों के लिए 15 जून, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और 15 मार्च की तारीखें नियत होती हैं।
सोमवार को लोकसभा में पारित आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 में प्रावधान था कि अगर तिमाही की नियत तिथि के अगले दिन ही अग्रिम कर राशि में कमी पूरी कर दी जाए तो एक माह का एक प्रतिशत ब्याज ही लगेगा।
सलाहकार कंपनी नांगिया एंडरसन एलएलपी में साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि यह प्रावधान मौजूदा कर कानून के अनुरूप नहीं था और अब सुधार अधिसूचना के जरिये स्पष्टता लाकर मौजूदा प्रावधान के अनुरूप संशोधित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि अग्रिम कर की राशि में कमी नियत तिथि से एक दिन भी आगे पूरी की जाती है तो कम से कम तीन महीने का ब्याज देना होगा।’’
आयकर (संख्या 2) विधेयक, 2025 कानून की शक्ल लेने पर छह दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। इसमें अध्यायों एवं शब्दों की संख्या को घटाकर कर कानून को सरल बनाया जाएगा।
भाषा प्रेम
प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.