नयी दिल्ली, 15 मार्च (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने निर्यातकों के लिए ब्याज समानीकरण योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण को नए ऑनलाइन मॉड्यूल को शुरू करने का फैसला किया है। इसका मकसद योजना की प्रभावी निगरानी करना है।
रिजर्व बैंक ने नौ मार्च को एमएसएमई निर्यातकों के लिए निर्यात से पहले और बाद के रुपये के ऋण पर इस योजना को मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया था। योजना के तहत निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद में रुपये में निर्यात ऋण पर सब्सिडी मिलती है।
योजना के तहत ब्याज दरों को विशेष श्रेणियों के एमएसएमई निर्यातकों के लिए संशोधित कर दो और तीन प्रतिशत कर दिया गया है। पहले यह दर पांच और तीन प्रतिशत थी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) के एक व्यापार नोटिस में कहा गया है कि योजना की प्रभावी निगरानी के लिए एक अप्रैल, 2022 से ब्याज समानीकरण योजना (आईईएस) के तहत इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण को एक नए ऑनलाइन मॉड्यूल को परिचालन में लाने का फैसला किया गया है।
इसमें कहा गया है कि योजना के तहत लाभ चाहने वाले सभी निर्यातकों को डीजीएफटी वेबसाइट के जरिये ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
इससे एक विशिष्ट पहचान नंबर (यूआईएन) सृजित होगा जिसे ब्याज समानीकरण का लाभ लेने के लिए संबंधित बैंक के पास जमा कराना होगा।
भाषा अजय अजय रमण
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