नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने देश में बिजली संयंत्रों को ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 24.16 लाख टन कोयले का आयात करने के लिए पहली निविदा जारी की है।
अप्रैल में जीवाश्म ईंधन की कमी के कारण हुई बिजली कटौती की पुनरावृत्ति से बचने के लिए सरकार द्वारा कोयले का भंडार बनाने के लिए सभी प्रयास करने के मद्देनजर यह विकास महत्वपूर्ण है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘पहली बार कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने बुधवार को एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली ई-निविदा जारी की, जिसमें 24.16 लाख टन कोयले के आयात के लिए बोलियां मांगी गईं।’
उत्पादन कंपनियों (जेनकोस) और स्वतंत्र बिजली संयंत्रों (आईपीपी) की ओर से कोयला मंगाया जा रहा है, जो उनसे प्राप्त मांग पर आधारित है।
बयान में कहा गया है कि यह मांग चालू वित्त वर्ष 2022-23 की जुलाई-सितंबर अवधि के लिए है।
हालांकि, कोयले का आयात सीआईएल के लिए एक नया काम है। कंपनी ने सात राज्य जेनकोस और 19 आईपीपी से मांगपत्र प्राप्त करने के एक सप्ताह के अंदर युद्धस्तर पर निविदा को अंतिम रूप देकर जारी किया है।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए सूखे ईंधन के आयात के लिए वर्तमान अल्पकालिक निविदा के तहत कोयला किसी भी देश से प्राप्त किया जा सकता है।
जब कोयले की मांग सबसे ज्यादा है, ऐसे समय में केंद्र ने सूखे-ईंधन के आयात के माध्यम से महारत्न फर्म को जेनकोस और आईपीपी को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए एक केंद्रीकृत एजेंसी के रूप में नामित किया था।
कंपनी के निदेशक मंडल ने पिछले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई को विदेशों से कोयले की निकास के लिए दो अंतरराष्ट्रीय निविदाएं- अल्पकालिक और मध्यम अवधि जारी करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी थी।
बोली प्राप्त करने की अंतिम तिथि 29 जून है।
सीआईएल ने कहा कि निविदा की किसी भी बारीकियों पर स्पष्टीकरण मांगने के लिए 14 जून को निविदा-पूर्व बैठक का विकल्प है।
बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुनी गई सफल एजेंसी जेनको और आईपीपी के बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति करेगी।
सरकार ने सीआईएल को इससे पहले अगले 13 महीनों के लिए बिजली उपयोगिताओं हेतु 1.2 करोड़ टन कोयला आयात करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था।
भाषा रिया पाण्डेय
पाण्डेय
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