शिमला, 24 अगस्त (भाषा) चीन ने अपने विदेश मंत्री वांग यी की हालिया भारत यात्रा के दौरान हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में शिपकी-ला के रास्ते व्यापार फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार ने रविवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। यह व्यापार कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में स्थगित कर दिया गया था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्य सरकार को बताया कि भारत सरकार ने तीनों बिंदुओं – शिपकी-ला (हिमाचल प्रदेश), लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथू ला (सिक्किम) के माध्यम से सीमा व्यापार फिर से शुरू करने के लिए चीन के साथ चर्चा शुरू कर दी है।
बयान में कहा गया, ”शिपकी-ला (किन्नौर) के रास्ते चीन के साथ व्यापार फिर से शुरू करने के लिए हिमाचल सरकार लगातार प्रयास कर रही थी, जिसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं। चीन के विदेश मंत्री वांग यी की हालिया भारत यात्रा के दौरान चीन सरकार ने इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति जताई है।”
राज्य सरकार ने कहा कि यह सफलता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण मिली, जिन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर ऐतिहासिक भारत-तिब्बत व्यापार मार्ग को फिर से खोलने का आग्रह किया था।
इसके बाद केंद्र सरकार ने ”चीन के साथ औपचारिक रूप से इस मामले को उठाया, जिससे व्यापार फिर से शुरू करने पर आम सहमति बनी।”
राज्य सरकार अब औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के साथ इस मामले को उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि शिपकी-ला, जो कभी प्रसिद्ध रेशम मार्ग की एक शाखा थी और 1994 के भारत-चीन द्विपक्षीय समझौते के तहत एक सीमा व्यापार बिंदु के रूप में औपचारिक रूप से स्थापित हुई थी, ने हिमालय पार आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बयान में कहा गया कि व्यापार के अलावा, राज्य सरकार को शिपकी-ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने के संबंध में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
भाषा पाण्डेय
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