नयी दिल्ली, चार जून (भाषा) सीएनजी और घरों के लिए पाइप के जरिये गैस की आपूर्ति (पीएनजी) नेटवर्क में तेजी से विकास से शहरी गैस वितरण (सीजीडी) क्षेत्र इस साल उर्वरक संयंत्रों को पीछे छोड़कर भारत में प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा उपभोक्ता बन जाएगा। उद्योग जगत के दिग्गजों ने बुधवार को यह बात कही।
सीजीडी में मोटर वाहन को ईंधन के रूप में सीएनजी, घरों तथा घरों और उद्योगों को पाइप के जरिये गैस की आपूर्ति शामिल है। यह देश में प्रतिदिन करीब 20 करोड़ मानक घन मीटर गैस खपत का 21.22 प्रतिशत है।
गेल के निदेशक (विपणन) संजय कुमार ने यहां 11वें सीजीडी सम्मेलन में कहा कि अगले सात से 10 वर्ष में प्राकृतिक गैस की खपत बढ़कर 25 से 30 करोड़ मानक घन मीटर हो जाने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ उर्वरक क्षेत्र में छह करोड़ मानक घन मीटर खपत होती है। यह खपत इसी स्तर पर रहने की संभावना है, क्योंकि कोई नया उर्वरक संयंत्र नहीं बन रहा है। सीजीडी क्षेत्र की खपत फरवरी/मार्च 2025 में 4.11 करोड़ मानक घन मीटर से बढ़कर 10 करोड़ मानक घन मीटर हो सकती है।’’
शेल एनर्जी एलएनजी की प्रमुख (गैस उत्पत्ति एवं बीडी) अंजनी कुमार ने कहा, ‘‘ सीजीडी इस वर्ष ही सबसे बड़ा उपभोग क्षेत्र बन सकता है।’’
सीजीडी क्षेत्र भारत के ऊर्जा संकुल में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा सात प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की महत्वाकांक्षा से आगे बढ़ रहा है।
पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ए. के. सिंह ने कहा कि घरेलू उत्पादन का चरम लंबे समय तक नहीं रहेगा.. ‘‘ हम भविष्य में आयातित गैस पर निर्भर होंगे।’’
भाषा निहारिका अजय
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