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Tuesday, 26 August, 2025
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केंद्र ने थोक, खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं का स्टॉक रखने की सीमा सख्त की

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नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) सरकार ने मंगलवार को जमाखोरी पर अंकुश लगाने और कीमतों में वृद्धि को रोकने के लिए थोक विक्रेताओं, छोटे और बड़े खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं का स्टॉक रखने की सीमा मानदंडों को और सख्त कर दिया है।

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आगामी त्योहारी मौसम से पहले गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के निरंतर प्रयासों के तहत, केंद्र सरकार ने 31 मार्च 2026 तक लागू गेहूं की स्टॉक सीमा को संशोधित करने का निर्णय लिया है।’’

संशोधित मानदंडों के अनुसार, थोक विक्रेताओं को 3,000 टन के बजाय 2,000 टन तक गेहूं का स्टॉक रखने की अनुमति है। खुदरा विक्रेता प्रत्येक बिक्री केन्द्र के लिए 10 टन के बजाय आठ टन गेहूं रख सकते हैं, जबकि बड़ी खुदरा श्रृंखला के खुदरा विक्रेता प्रत्येक बिक्री केन्द्र के लिए पहले के 10 टन के बजाय आठ टन गेहूं रख सकते हैं।

प्रसंस्करणकर्ताओं को चालू वित्त वर्ष के बाकी महीनों से गुणा करके अपनी मासिक स्थापित क्षमता के 70 प्रतिशत के बजाय 60 प्रतिशत तक गेहूं स्टॉक रखने की अनुमति होगी।

वर्ष 2025 में सरकार ने गेहूं की स्टॉक सीमा में दो बार संशोधन किया। ताजा आदेश 31 मार्च, 2026 तक मान्य है।

इससे पहले, केंद्र ने 12 जून, 2023 को स्टॉक सीमा लागू की थी, जो 31 मार्च, 2024 तक प्रभावी थी, और कीमतों को स्थिर करने और जमाखोरी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से 24 जून, नौ सितंबर और 11 दिसंबर, 2024 को इसमें संशोधन किए गए थे।

मंत्रालय ने कहा कि सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को गेहूं स्टॉक सीमा को एक सरकारी पोर्टल पर दर्ज कराना और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति अद्यतन करना आवश्यक है। यदि संस्थाओं के पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 15 दिनों के भीतर मात्रा को निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।

पोर्टल पर पंजीकरण न कराने या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करने वाली किसी भी इकाई पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मंत्रालय ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली, अन्य कल्याणकारी योजनाओं और बाजार हस्तक्षेपों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार है। देश ने फसल वर्ष 2024-25 में 11.75 करोड़ टन का रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन किया था।

खाद्य मंत्रालय कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं की स्टॉक स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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