नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) केंद्र ने राज्यों से दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए घटिया हेलमेट बेचने वाले विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है।
शनिवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “उपभोक्ता मामलों के विभाग और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) देश भर के उपभोक्ताओं से केवल बीआईएस-प्रमाणित हेलमेट का उपयोग करने की अपील करते हैं।”
विभाग ने बीआईएस प्रमाणीकरण के बिना हेलमेट के विनिर्माण या बिक्री के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भी आह्वान किया।
विभाग ने कहा, “भारतीय सड़कों पर 21 करोड़ से अधिक दोपहिया वाहन हैं, इसलिए सवार की सुरक्षा सर्वोपरि है।”
उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य है। विभाग ने बताया कि घटिया हेलमेट की बिक्री सुरक्षा से समझौता करती है।
वर्ष 2021 से एक गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू है, जिसके तहत सभी दोपहिया वाहन चालकों के लिए बीआईएस मानकों के तहत प्रमाणित आईएसआई-चिह्नित हेलमेट अनिवार्य है।
जून 2025 तक, पूरे भारत में 176 विनिर्माता हैं, जिनके पास सुरक्षात्मक हेलमेट के लिए वैध बीआईएस लाइसेंस हैं।
बयान में कहा गया, “विभाग ने पाया है कि सड़क किनारे बेचे जाने वाले कई हेलमेट में अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन का अभाव है, जिससे उपभोक्ताओं को काफी जोखिम होता है और सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की मौत हो जाती है।”
गुणवत्ता मानकों को लागू करने के लिए, बीआईएस नियमित रूप से कारखाने और बाजार की निगरानी करता है।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान, 500 से अधिक हेलमेट नमूनों का परीक्षण किया गया और बीआईएस मानक चिह्न के दुरुपयोग के लिए 30 से अधिक तलाशी और जब्ती अभियान चलाए गए।
दिल्ली में एक अभियान में, नौ विनिर्माताओं से 2,500 से अधिक गैर-अनुपालन वाले हेलमेट जब्त किए गए, जिनके लाइसेंस समाप्त हो चुके थे या रद्द कर दिए गए थे।
अभियान में 17 खुदरा और सड़क किनारे के स्थानों पर इसी तरह की कार्रवाई में लगभग 500 घटिया हेलमेट जब्त किए गए।
इससे पहले, उपभोक्ता मामलों के विभाग ने जिला कलेक्टरों (डीसी) और जिला मजिस्ट्रेटों (डीएम) को एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करने और दोपहिया सवारों के लिए गैर-अनुपालन वाले हेलमेट बेचने वाले विनिर्माताओं और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए लिखा था।
बीआईएस शाखा कार्यालयों को इस अभियान को सहयोग देने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस विभागों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए गए।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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