मुंबई, 20 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा है कि शुल्क को लेकर अनिश्चितताएं अभी भी जारी हैं, इसलिए केंद्रीय बैंक को सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने इस महीने के शुरू में मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर को यथावत रखने के पक्ष में मतदान करते हुए यह बात कही थी।
आरबीआई ने बुधवार को चार-छह अगस्त के दौरान हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का ब्योरा जारी किया।
केंद्रीय बैंक के गवर्नर के साथ एमपीसी के अन्य सभी पांच सदस्यों ने रेपो दर को 5.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने के पक्ष में मतदान किया था।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर हमारी अर्थव्यवस्था मजबूती, स्थिरता और अवसर की तस्वीर पेश करती है। भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति, विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियां और दूरदर्शी रणनीति देश को एक मजबूत स्थिति में रखती हैं।’’
उन्होंने कहा कि हालांकि वृद्धि दर स्थिर बनी हुई है, लेकिन खाद्य कीमतों में नरमी के कारण मुद्रास्फीति के परिणाम अपेक्षाकृत अधिक अनुकूल रहे हैं।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘हालांकि निकट भविष्य में मुद्रास्फीति लक्ष्य से कम रहने की संभावना है और मासिक आंकड़े दो प्रतिशत के निचले संतोषजनक स्तर को भी पार कर सकते हैं, लेकिन तीसरी तिमाही से सकल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति में थोड़ी वृद्धि होने का अनुमान है। शुल्क को लेकर अनिश्चितताएं अभी भी उभर रही हैं।’’
उन्होंने कहा कि बाह्य मोर्चे पर अनिश्चितता की वर्तमान स्थिति को देखते हुए मौद्रिक नीति पर सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भाषा योगेश रमण
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