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Sunday, 17 August, 2025
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ढांचागत परियोजनाओं पर सरकार का खर्च बढ़ने से जून तिमाही में सीमेंट कंपनियों की बिक्री, राजस्व बढ़ा

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नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर बढ़ते सरकारी खर्च की वजह से चालू वित्त वर्ष की जून में समाप्त पहली तिमाही में प्रमुख सीमेंट कंपनियों की बिक्री दो अंक यानी 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ी है। वहीं इस दौरान इन कंपनियों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है।

सीमेंट विनिर्माताओं को उम्मीद है कि पूरे चालू वित्त वर्ष में यह रुख जारी रहेगा।

इसके अलावा कम उत्पादन लागत, जैसे कोयला और पेटकोक की कीमतों में गिरावट, और स्थिर डीजल लागत ने कंपनियों की कर-पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) सुधारने में मदद की है। सीमेंट कंपनियों को 2024-25 में कठिन दौर का सामना करना पड़ा था।

प्रमुख सीमेंट विनिर्माता अल्ट्राटेक सीमेंट की बिक्री जून तिमाही में 9.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 3.68 करोड़ टन रही है। इसे इंडिया सीमेंट्स और केसोरम इंडस्ट्रीज के सीमेंट कारोबार के अधिग्रहण से मदद मिली है।

इसी प्रकार, अदाणी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स ने भी 1.84 करोड़ टन की अपनी अबतक की सबसे अधिक सीमेंट बिक्री और 10,000 करोड़ रुपये का अबतक का सबसे अधिक तिमाही राजस्व दर्ज किया है।

बिड़ला कॉरपोरेशन की बिक्री 9.36 प्रतिशत बढ़कर 47.9 लाख टन हो गई। निरमा समूह की कंपनी नुवोको विस्टास कॉर्प ने पहली तिमाही में 51 लाख टन की बिक्री दर्ज की।

जेके लक्ष्मी सीमेंट की बिक्री मात्रा में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

हालांकि, श्री सीमेंट जैसी कुछ कंपनियों की बिक्री मात्रा में उत्तरी क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव के कारण गिरावट देखी गई।

डालमिया भारत की बिक्री मात्रा 5.8 प्रतिशत घटकर 74 लाख टन रह गई। वहीं केरल में मानसून समय से पहले आने की वजह से रामको सीमेंट्स की बिक्री में सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।

कंपनी के तिमाही नतीजों की घोषणा करते हुए अंबुजा सीमेंट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनोद बहेटी ने कहा कि यह गति विभिन्न कारकों पर आधारित है। इसमें मूल्य पर ध्यान, मात्रा में मजबूत वृद्धि, कीमतों में सुधार और चैनल जुड़ाव शामिल हैं।

अल्ट्राटेक के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अतुल डागा ने कहा, ‘‘सरकारी पूंजीगत व्यय कार्यक्रम ने अप्रैल-मई, 2024 के निचले आधार पर इस तिमाही के पहले दो महीनों में उल्लेखनीय सुधार दिखाया है। हम राज्य सरकारों के खर्च में वृद्धि देख रहे हैं। बिहार, आंध्र प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्य सालाना आधारा पर अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।’’

सीमेंट की कीमतों में बढ़ोतरी से भी उद्योग को समर्थन मिला है।’’

जून, 2025 में अखिल भारतीय औसत सीमेंट की कीमत सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 355 रुपये प्रति 50 किलोग्राम बैग हो गई।

इक्रा की एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में, अच्छी मांग के बीच सीमेंट कंपनियों द्वारा की गई कीमतों में बढ़ोतरी के कारण, कीमतें सालाना आधार पर सात प्रतिशत बढ़कर 360 रुपये प्रति बैग हो गईं। वित्त वर्ष 2024-25 में, सीमेंट की कीमतें सालाना आधार पर सात प्रतिशत घटकर 340 रुपये प्रति बैग रही थीं।

भाषा अजय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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