नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) सरकार ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट कंटेनर टर्मिनल (जेएनपीसीटी) की माल रखरखाव क्षमता मौजूदा 15 लाख टीईयू से बढ़ाकर 18 लाख टीईयू (20 फुट के बराबर इकाई) की जाएगी।
पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘…क्षमता विस्तार के साथ जेनपीसीटी में माल के लदान और उतारने की मौजूदा क्षमता 2020-21 की 15 लाख टीईयू से बढ़कर 18 लाख टीईयू हो जाएगी।’’
क्षमता बढ़ाने को लेकर परियोजना का क्रियान्वयन दो चरणों में किया जाएगा। इसकी कुल लागत 872 करोड़ रुपये बैठेगी।
मंत्रालय ने कहा कि पहला चरण परियोजना शुरू होने के सात साल में पूरा होगा जबकि दूसरा चरण में 18 महीने का और समय लगेगा।
पहले चरण में 400 मीटर लंबी गोदी को उन्नत कर उसे 12,200 टीईयू क्षमता वाले जहाजों को संभालने लायक बनाया जाएगा। फिलहाल जेएनपीसीटी 9,000 टीईयू क्षमता के जहाजों का रखरखाव करने में सक्षम है।
जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) ने परियोजना आवंटन पत्र (एलओए) जेएम बख्शी पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स लि. तथा सीएमए टर्मिनल को 28 जून, 2022 को प्रदान किया है। समझौते पर 27 जुलाई, 2022 को हस्ताक्षर किये जायेंगे।
बयान के अनुसार, पहले चरण की लागत 591.99 करोड़ रुपये है। संबंधित परिचालक इस टर्मिनल का उन्नयन, संचालन, रखरखाव करेगा तथा सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत इसे स्थानांतरित कर देगा।
दूसरे चरण में 280 मीटर लंबाई वाली गोदी को उन्नत बनाया जाएगा। दूसरे चरण का विकास 10.2 लाख टीईयू प्राप्त करने या सात साल में, जो भी पहले हो, के बाद शुरू होगा।
बयान के अनुसार, दूसरे चरण को 18 महीने की अवधि में पूरा करना होगा और उसकी अनुमानित लागत 280.17 करोड़ रुपये है।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, संविदा प्राप्त करने वाले परिचालक ने रियायती अवधि के दौरान 4,520 रुपये प्रति टीईयू की रॉयल्टी देने का प्रस्ताव किया है। रॉयल्टी में थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर हर वर्ष बदलाव किया जाएगा।
भाषा
रमण अजय
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