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Tuesday, 24 September, 2024
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बजट: वित्त वर्ष 2021-22 में थोड़ा बढ़कर 6.9 प्रतिशत रहेगा राजकोषीय घाटा

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नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 प्रतिशत रह सकता है, जबकि पहले इसके 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया था।

राजकोषीय घाटे को अगले वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य तय किया गया है।

इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सार्वजनिक निवेश के जरिये मजबूत और टिकाऊ वृद्धि की जरूरत पर जोर दिया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि चालू वर्ष के दौरान कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि कुल आय 22.84 लाख करोड़ रुपये रहेगी।

चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे में मामूली बढ़ोतरी बाजार और विशेषज्ञों की उम्मीदों के विपरीत है, जिन्होंने कर संग्रह में वृद्धि के कारण इसमें मामूली गिरावट का अनुमान जताया था।

सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसे 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा।’’

सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 के लिए 16,61,196 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमान 15,91,089 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का संकेत देते हैं, जबकि बजट अनुमान के मुताबिक ये आंकड़ा 15,06,812 करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री ने कहा कि आम बजट में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो चालू वित्त वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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