पुणे, दो सितंबर (भाषा) केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को यहां कहा कि विमानन क्षेत्र में सुरक्षा और रक्षा ‘सर्वोपरि’ है और मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के लिए 3,709 जांच से संबंधित ‘बहुत महत्वाकांक्षी और आक्रामक’ वार्षिक निगरानी योजना (एएसपी) स्थापित की है।
सिंधिया ने हाल-फिलहाल में कई विमानों में तकनीकी खराबी की कई घटनाओं को लेकर मीडिया के सवालों के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा और रक्षा सर्वोपरि थी। विमान सुरक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी एयरलाइन और नियामक के साथ भी है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और नागर विमानन मंत्रालय सुरक्षा और रक्षा पर पूरा ध्यान देते हैं।’’
सिंधिया ने बताया, ‘‘वित्त वर्ष 2019-20 में डीजीसीए के एएसपी ने नागर विमानन के सभी 2,275 पहलुओं की जांच की थी। कोविड-19 महामारी के दौरान नागर विमानन संबंधी गतिविधि बहुत अधिक नहीं थीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष के लिए हमने 3,709 पहलुओं की एक बहुत ही महत्वाकांक्षी एएसपी स्थापित की। जुलाई के अंत तक हमने 1,862 जांच पूरी कर ली हैं।’’
केंद्रीय मंत्री ने क्षेत्र में एक घटना से मुक्त वातावरण पर जोर देते हुए कहा कि कुछ घटनाएं इंजीनियरिंग पक्ष से संबंधित हो सकती हैं और एयरलाइन के नियंत्रण में हैं। जबकि पक्षी के टकराने और खराब मौसम जैसी घटनाएं नियंत्रण में नहीं होती।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि मुंबई और पुणे को छोड़कर अन्य स्थानों पर विमान ईंधन (एटीएफ) पर मूल्यवर्धित कर (वैट) चार प्रतिशत था। इन दोनों शहर में यह 25 प्रतिशत था।
सिंधिया ने कहा, ‘‘मैंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से एटीएफ पर वैट को एक प्रतिशत तक लाने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई। मैं अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से वैट को जल्द से जल्द कम करने का अनुरोध करूंगा।’’
भाषा जतिन अजय
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