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नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को शहर के लोगों द्वारा छतों पर सौर पैनल लगाने के लिए एकल खिड़की समाधान के रूप में ‘दिल्ली सोलर पोर्टल’ पेश किया।
पोर्टल की मदद से दिल्लीवासी अब छतों पर सौर पैनल लगाकर ‘प्रोज्यूमर’ (अतिरिक्त सौर ऊर्जा उत्पन्न करने वाले बिजली उपभोक्ता) बन सकते हैं।
आतिशी ने दिल्ली सचिवालय में पोर्टल शुरू करते हुए कहा कि यह इस साल 14 मार्च को पेश की गई आम आदमी पार्टी की सरकार की सौर नीति के अनुरूप छत पर (रूफटॉप) 750 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि छतों पर सौर पैनल लगाने से 400 यूनिट से अधिक मासिक बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।
पोर्टल पर छतों पर पैनल लगाने के लिए सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें एक सौर कैलकुलेटर होगा, जिससे किसी खास छत पर सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता, होने वाली बचत, विक्रेताओं की सूची और सौर संयंत्र की दर का अनुमान लगाया जा सकेगा।
आतिशी ने कहा कि नेट मीटरिंग और सब्सिडी के लिए भी आवेदन पोर्टल के माध्यम से किया जा सकेगा और उपभोक्ताओं को इसके लिए किसी कार्यालय में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो घरेलू बिजली उपभोक्ता अपनी आवश्यकता से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करेंगे, उन्हें सरकार द्वारा तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन दिया जाएगा।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि अतिरिक्त सौर ऊर्जा उत्पन्न करने वाले बिजली उपभोक्ताओं (प्रोज्यूमर) को तीन किलोवाट तक के सौर संयंत्रों के लिए तीन रुपये प्रति यूनिट और 10 किलोवाट तक के संयंत्रों के लिए दो रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान किया जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटियां और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन भी छत पर पैनल लगाने पर दो रुपये प्रति यूनिट की दर से उत्पादन आधारित प्रोत्साहन का लाभ उठा सकेंगे।
अधिकारी ने बताया कि वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को एक रुपये प्रति यूनिट की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। उन्होंने बताया कि एक किलोवाट के संयंत्र से लगभग 100 यूनिट बिजली पैदा होती है और संयंत्र की स्थापना लागत 40,000-60,000 रुपये प्रति किलोवाट आती है।
उन्होंने बताया कि तीन किलोवाट क्षमता वाले सौर संयंत्र लगाने पर राष्ट्रीय स्तर पर 78,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। दिल्ली सरकार पांच किलोवाट तक के लिए 2,000 रुपये प्रति किलोवाट की अतिरिक्त सब्सिडी देती है।
भाषा अनुराग अजय
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