कोलकाता, 22 नवंबर (भाषा) सिल्वर ईटीएफ एक लोकप्रिय निवेश विकल्प के रूप में उभरा है, जिसकी प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में पिछले एक साल में उल्लेखनीय चार गुना वृद्धि देखी गई है। यह अक्टूबर 2024 में 12,331 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जो पिछले साल अक्टूबर में 2,844.76 करोड़ रुपये थी।
इक्रा एनालिटिक्स ने कहा कि यह उछाल घरेलू मुद्रास्फीति के दबावों और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच चांदी में निवेशकों की रूचि बढ़ी है।
इक्रा एनालिटिक्स के अनुसार, 2022 में पेश किए गए सिल्वर ईटीएफ ने अपनी सुलभता और पारदर्शिता से खुदरा निवेशकों के बीच लोकप्रियता हासिल की है। अक्टूबर 2024 में सिल्वर ईटीएफ के तहत कुल ‘फोलियो’ की संख्या 215 प्रतिशत बढ़कर 4.47 लाख हो गई, जबकि एक साल पहले यह 1.42 लाख थी। इसी अवधि में शुद्ध प्रवाह सालाना आधार 24 प्रतिशत बढ़कर 643.10 करोड़ रुपये हो गया।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रमुख (बाजार डेटा) अश्विनी कुमार ने बताया कि बाजार में सिल्वर ईटीएफ की संख्या अप्रैल 2023 में आठ से बढ़कर अगस्त 2024 में 12 हो गई।
उन्होंने कहा, ‘‘ सिल्वर ईटीएफ को भौतिक रूप से खरीदी जाने वाली चांदी की तुलना में अधिक पसंद किया जाता है, क्योंकि इन्हें आसानी से ‘स्टोर’ किया जा सकता है। ….खरीद पर जीएसटी से जुड़ी लागत कम होती है। वे अधिक कुशल और नगदी निवेश विकल्प प्रदान करते हैं, क्योंकि वे शेयर बाजार पर सूचीबद्ध होते हैं, जिससे निवेशक यूनिट का निर्बाध रूप से व्यापार कर सकते हैं।’’
सिल्वर ईटीएफ का निवेश प्रदर्शन भी उल्लेखनीय रहा है। एक महीने, तीन महीने, छह महीने और एक साल की अवधि में औसत मुनाफा क्रमशः 7.57 प्रतिशत, 16.02 प्रतिशत, 20.25 प्रतिशत और 32.49 प्रतिशत रहा, जो समान अवधि में सोने के ईटीएफ से हुए मुनाफे से बेहतर रहा।
कुमार ने कहा कि मुद्रास्फीति के निरंतर दबाव और भू-राजनीतिक अस्थिरता के कारण सिल्वर ईटीएफ की मांग मजबूत बनी रहने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ‘‘ खंड विविधीकरण में उनकी भूमिका बढ़ने के साथ आने वाले महीनों में और अधिक सिल्वर ईटीएफ पेश किए जा सकते हैं।’’
भाषा निहारिका रमण
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