नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंसाल्वेस लौरेंको ने रविवार को भारतीय उद्योगों को उनके देश में ऐसे अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित किया, जो अफ्रीकी राष्ट्र को उनकी निर्यात रणनीतियों के केंद्र में रख सकें।
उन्होंने कृषि, फार्मास्युटिकल और नवीकरणीय ऊर्जा सहित आपसी सहयोग के क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।
वर्तमान में भारत की यात्रा पर आए गोंसाल्वेस ने दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) और अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार क्षेत्र (एएफसीएफटीए) के माध्यम से क्षेत्रीय बाजारों तक विशेष पहुंच के साथ अंगोला की रणनीतिक स्थिति पर प्रकाश डाला।
वह यहां भारत-अंगोला व्यापार मंच को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अंगोला और भारत के बीच संबंध एक ठोस कानूनी और संस्थागत आधार पर बने हैं, जो दशकों के सहयोग से विकसित हुए हैं। स्वास्थ्य, ऊर्जा, वित्तीय सेवाओं और कूटनीतिक गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में मौजूदा द्विपक्षीय समझौते एक संरचित, पारदर्शी और पारस्परिक रूप से लाभकारी साझेदारी के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, “हम भारतीय उद्यमियों को इन लॉजिस्टिक्स अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित करते हैं, जो अंगोला को अफ्रीका और व्यापक विश्व, दोनों के लिए अपनी निर्यात रणनीतियों के केंद्र में रख सकते हैं।”
उन्होंने सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों के बारे में बात की, जिसमें फार्मास्युटिकल उद्योग, कृषि क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र शामिल हैं।
विदेश और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा, “ऐसे कई प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं जहां हम सहयोग को और गहरा कर सकते हैं। ऊर्जा क्षेत्र में, हम तेल और गैस अवसंरचना विकसित कर सकते हैं और स्वच्छ ऊर्जा पर साझेदारी कर सकते हैं। शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में, भारत उच्च प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण और छात्रवृत्तियों की संख्या में वृद्धि के माध्यम से शिक्षा और क्षमता निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।”
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के अध्यक्ष संजीव पुरी ने भी उपस्थित लोगों को संबोधित किया और भारत और अंगोला के बीच अवसरों के क्षेत्रों के बारे में बात की।
भाषा अनुराग अजय
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