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Sunday, 17 August, 2025
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अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत का शुल्क, जुर्माना लगाया; एक अगस्त से होगा लागू

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(ग्राफिक्स के साथ)

वाशिंगटन/नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) पर दोनों देशों के बीच जारी बातचीत में कुछ गतिरोध के संकेतों के बीच बुधवार को भारत पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा, ट्रंप ने रूस से सैन्य उपकरण और कच्चा तेल खरीदने के लिए अतिरिक्त जुर्माना लगाने का भी फैसला किया।

यह आश्चर्यजनक घोषणा ऐसे समय में की गई है जब एक दिन पहले ही भारतीय अधिकारियों ने कहा था कि एक अमेरिकी व्यापार दल व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए 25 अगस्त से भारत का दौरा करेगा।

इस घोषणा को भारत पर अमेरिका की मांगों को मानने के लिए दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है, जिसने हाल ही में जापान, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ (ईयू) जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अनुकूल व्यापार समझौते किए हैं।

ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में भारत की व्यापार नीतियों को ‘सबसे कठिन और अप्रिय’ बताया।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “सब कुछ ठीक नहीं है! इसलिए भारत को एक अगस्त से 25 प्रतिशत शुल्क और रूस से खरीद को लेकर ‘जुर्माना’ भी देना होगा।”

यह जुर्माना इसलिए लगाया गया क्योंकि भारत ने रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की बड़ी खरीद की है।

रूस से भारत का कच्चा तेल आयात रूस-यूक्रेन युद्ध से पहले कुल खरीद का 0.2 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 35-40 प्रतिशत हो गया है। चीन के बाद, रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार भारत है।

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया पोस्ट में भारत को अपना ‘मित्र’ बताया।

उन्होंने कहा, “भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने पिछले कई वर्षों में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके शुल्क बहुत अधिक हैं, जो दुनिया में ‘सबसे अधिक’ हैं। उनके पास ‘सबसे कठोर और अप्रिय’ गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं हैं।”

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, भारत ने रूस से अपने सैन्य उपकरण और ऊर्जा उत्पाद तब खरीदे है जब हर कोई चाहता है कि रूस, यूक्रेन में हत्याएं बंद करे।

ट्रंप की घोषणा पर भारत की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि 25 प्रतिशत का शुल्क मौजूदा 10 प्रतिशत के मूल शुल्क के अतिरिक्त होगा या नहीं। वर्तमान में 10 प्रतिशत शुल्क अधिकांश भारतीय वस्तुओं पर लागू है, जिसकी घोषणा ट्रंप ने दो अप्रैल को सभी देशों पर की थी।

इस समय जुर्माने की सही मात्रा भी स्पष्ट नहीं है।

भारत के प्रमुख व्यापारिक प्रतिस्पर्धियों में, अमेरिका ने वियतनाम (20 प्रतिशत) और मलेशिया (25 प्रतिशत) पर कम शुल्क लगाया है, लेकिन बांग्लादेश (35 प्रतिशत) और थाइलैंड (36 प्रतिशत) पर अधिक शुल्क लगाया है।

इस साल दो अप्रैल को, ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर उच्च जवाबी शुल्क (26 प्रतिशत) लगाने की घोषणा की। उच्च शुल्कों के कार्यान्वयन को तुरंत 90 दिन के लिए नौ जुलाई तक और फिर एक अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया गया था, क्योंकि अमेरिका विभिन्न देशों के साथ व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है। हालांकि, 10 प्रतिशत का मूल शुल्क अब भी लागू है।

इसके अलावा, अमेरिका ने इस्पात और एल्युमीनियम पर 50 प्रतिशत और वाहन क्षेत्र पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया है।

इस बीच, प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है क्योंकि अमेरिका का एक दल छठे दौर की वार्ता के लिए 25 अगस्त को नयी दिल्ली आ रहा है।

दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में वाशिंगटन में पांचवें दौर की वार्ता पूरी की।

भारत के मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने विचार-विमर्श किया।

अमेरिका 2021-25 के दौरान भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। भारत के कुल वस्तु निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 18 प्रतिशत, आयात में 6.22 प्रतिशत और द्विपक्षीय व्यापार में 10.73 प्रतिशत है।

वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका के साथ भारत का वस्तुओं में व्यापार अधिशेष (आयात और निर्यात का अंतर) 35.32 अरब डॉलर था। वित्त वर्ष 2024-25 में यह 41 अरब डॉलर और 2022-23 में 27.7 अरब डॉलर था।

वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत और अमेरिका के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 186 अरब डॉलर तक पहुंच गया। भारत ने 86.5 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि 45.3 अरब डॉलर का आयात किया। सेवा क्षेत्र में भारत का निर्यात 28.7 अरब डॉलर और आयात 25.5 अरब डॉलर रहा, जिसमें अमेरिका का व्यापार अधिशेष 44.4 अरब डॉलर का रहा। कुल मिलाकर, भारत का अमेरिका के साथ कुल व्यापार अधिशेष लगभग 44.4 अरब डॉलर रहा।

साल 2024 में अमेरिका को भारत के मुख्य निर्यात में औषधि निर्माण और जैविक (8.1 अरब डॉलर), दूरसंचार उपकरण (6.5 अरब डॉलर), कीमती और अर्ध-कीमती पत्थर (5.3 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (4.1 अरब डॉलर), वाहन और वाहन कलपुर्जा (2.8 अरब डॉलर), सोना और अन्य कीमती धातु के आभूषण (3.2 अरब डॉलर), सहायक उपकरण सहित सूती तैयार वस्त्र (2.8 अरब डॉलर), और लोहा और इस्पात के उत्पाद (2.7 अरब डॉलर) शामिल हैं।

आयात में कच्चा तेल (4.5 अरब डॉलर), पेट्रोलियम उत्पाद (3.6 अरब डॉलर), कोयला, कोक (3.4 अरब डॉलर), कटे और पॉलिश किए हुए हीरे (2.6 अरब डॉलर), इलेक्ट्रिक मशीनरी (1.4 अरब डॉलर), विमान, अंतरिक्ष यान और उसके पुर्जे (1.3 अरब डॉलर) और सोना (1.3 अरब डॉलर) शामिल थे।

भाषा अनुराग अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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