नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को पंजाब, राजस्थान, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में कृषि कार्यों की विस्तृत समीक्षा की, जिसमें आगामी खरीफ सीजन के लिए निर्बाध कृषि गतिविधियों को सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक के दौरान चौहान ने अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से 10-15 किलोमीटर के भीतर के गांवों की पहचान करने और इन क्षेत्रों में खेती योग्य भूमि का आकलन करने का निर्देश दिया। यह अभ्यास पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों को कवर करेगा।
चौहान ने कहा, “हमें यह पता लगाना होगा कि कितने किसान विस्थापित हैं या अपने खेतों तक पहुंचने में असमर्थ हैं, ताकि हम लक्षित सहायता योजनाएं बना सकें।”
उन्होंने कहा कि खरीफ की बुवाई का कार्य किसी भी स्थिति में बाधित नहीं होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुल कृषि भूमि, आमतौर पर उगाई जाने वाली फसलों, प्रभावित किसानों की आबादी और खेती के लिए आवश्यक सामग्रियों के संबंध में एक व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा।
चौहान ने आश्वासन दिया कि देश में यूरिया, डीएपी, एनपीके उर्वरक और डीजल जैसी आवश्यक कृषि सामग्री की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
भाषा अनुराग पाण्डेय
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