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Friday, 29 August, 2025
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शेयर बिक्री बाद बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत से नीचे आएगी: प्रंबंध निदेशक

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मुंबई, 25 अगस्त (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक और सीईओ निधु सक्सेना ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में पूंजी जुटाने के एक और चरण के बाद 25 प्रतिशत की न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी की शर्त पूरी कर ली जाएगी।

सक्सेना ने यहां फिक्की और भारतीय बैंक संघ द्वारा आयोजित फिबैक के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा कि शेयर बिक्री के एक और चरण से बैंक को पूंजी पर्याप्तता और सरकार की हिस्सेदारी में कमी लाने में मदद मिलेगी।

वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों को एक अगस्त, 2026 तक सार्वजनिक शेयरधारिता सीमा बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने को कहा है।

यह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा जारी प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) नियमों के अनुरूप है। इसके अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों सहित सभी सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम 25 प्रतिशत सार्वजनिक शेयरधारिता होनी चाहिए।

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने केंद्रीय लोक उपक्रमों और सार्वजनिक क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को अगस्त, 2026 तक इससे छूट दी है।

वर्तमान में, पुणे स्थित इस बैंक में सरकार की 79.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

सक्सेना ने कहा कि बैंक के मौजूदा बाजार पूंजीकरण के अनुसार, अगर बैंक लगभग 2,000-2,500 करोड़ रुपये जुटाता है, तो सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत के स्तर से नीचे आ जाएगी।

उन्होंने कहा कि बैंक ने ऋण और इक्विटी के माध्यम से 7,500 करोड़ रुपये जुटाने की मंजूरी ले ली है।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अक्टूबर में क्यूआईपी (पात्र संस्थागत नियोजन) के माध्यम से 3,500 करोड़ रुपये जुटाए। इसके परिणामस्वरूप बैंक में सार्वजनिक हिस्सेदारी सितंबर के अंत के 13.5 प्रतिशत से बढ़कर 20.4 प्रतिशत हो गई।

सक्सेना के अनुसार, बैंक ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि पूंजी पात्र संस्थागत नियोजन के माध्यम से जुटायी जाएगी या फिर बिक्री पेशकश के माध्यम से। ‘‘हम अभी भी स्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं।’’

सरकार को जिन पांच सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी कम करनी है, उनमें बैंक ऑफ महाराष्ट्र तुलनात्मक रूप से अच्छी स्थिति में है।

सरकार की इंडियन ओवरसीज बैंक में 94.6 प्रतिशत, पंजाब एंड सिंध बैंक में 93.9 प्रतिशत, यूको बैंक में 91 प्रतिशत और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 89.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

भाषा रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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