नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (एचपीसीएल) के बाद सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) को भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के शीर्ष पद के लिए भी उपयुक्त उम्मीदवार तलाशने में काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।
इस पद के आवेदकों के पास जरूरत से कम विशेषज्ञता थी, जो इतने बड़े संगठन को चलाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
सार्वजनिक उपक्रमों में शीर्ष पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार के चयन की जिम्मेदारी पीईएसबी के पास है। पीईएसबी ने पिछले महीने बीपीसीएल के निदेशक (वित्त) वेत्सा रामकृष्ण गुप्ता और इसके निदेशक (रिफाइनरी) एस खन्ना सहित एक दर्जन उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया, लेकिन इनमें से कोई भी कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पद के उपयुक्त नहीं पाया गया।
पीईएसबी ने प्रशासनिक मंत्रालय को ‘खोज सह चयन समिति सहित चयन के लिए आगे की कार्रवाई का एक उचित तरीका चुनने’ की सलाह दी है।
बीपीसीएल के मौजूदा प्रमुख जी कृष्णकुमार इस साल 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे।
बीपीसीएल पेट्रोलियम क्षेत्र की चौथी कंपनी है, जिसके लिए पीईएसबी को 2021 से कोई उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिल पाया है। मई, 2023 में पीईएसबी ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) में शीर्ष पद के लिए किसी नाम की सिफारिश नहीं की थी। फिर यह कार्य एक खोज सह चयन समिति को सौंप दिया गया। खोज सह चयन समिति ने बाद में अरविंदर सिंह साहनी को इस पद के लिए चुना, जिन्हें नवंबर, 2024 में आईओसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया।
पिछले साल जून में पीईएसबी ने एचपीसीएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पद के लिए कंपनी बोर्ड के एक निदेशक और इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सहित आठ उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया, लेकिन उन सभी की उम्मीदवारी को खारिज कर दिया। एचपीसीएल का शीर्ष पद 31 अगस्त, 2024 से रिक्त है। उस समय पुष्प कुमार जोशी इस पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
इससे पहले जून, 2021 में पीईएसबी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) के शीर्ष पद के लिए उम्मीदवार की तलाश करते हुए इसी तरह के निष्कर्ष पर पहुंचा था। एक साल बाद एक खोज-सह-चयन समिति ने उस पद के लिए बीपीसीएल के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अरुण कुमार सिंह को चुना था।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अधिकांश बोर्ड-स्तर पद की नियुक्तियां पीईएसबी की सिफारिशों के आधार पर की जाती हैं। हालांकि, पीईएसबी को सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों में शीर्ष पद पर नियुक्ति के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है।
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