कोलकाता, 11 जुलाई (भाषा) कोलकाता की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए अदाणी समूह ने ऐतिहासिक कुम्हारटुली घाट का पुनरुद्धार करने के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (एसएमपीके) के साथ हाथ मिलाया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि कुम्हारटुली के लोग कई पीढ़ियों से मूर्ति बनाने की अपनी परंपरा के लिए प्रसिद्ध है।
इस पहल का उद्देश्य घाट को अधिक स्वच्छ, सुरक्षित तथा कारीगरों, स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए अधिक सुलभ बनाना है, जिससे शहर के सबसे प्रतिष्ठित नदी तटों में से एक को नया जीवन मिल सके।
बंदरगाह की ‘स्वच्छता’ पहल के तहत हुगली नदी के किनारे ऐतिहासिक घाट के पुनर्विकास, जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए एसएमपीके और अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने शुक्रवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
यह समझौता एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को दर्शाता है जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय अनुकूल को बढ़ाना और नागरिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए विरासत-अनुरूप पुनर्विकास के माध्यम से सांस्कृतिक स्थल में बदलाव लाना है।
एसएमपीके के चेयरमैन रथेंद्र रमन ने कहा, “यह सिर्फ एक जीर्णोद्धार परियोजना नहीं है, बल्कि बंगाल की कलात्मक विरासत का पुनरुद्धार है।”
एपीएसईजेड के कारोबार विकास अध्यक्ष सुब्रत त्रिपाठी ने कहा, “कोलकाता की पहचान से भावनात्मक रूप से जुड़े एक स्थान के जीर्णोद्धार में मदद करना सम्मान की बात है। यह स्थान एक पर्यटन स्थल के रूप में कोलकाता के लिए गौरव की बात होगी।”
भाषा अनुराग रमण
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