नयी दिल्ली, तीन नवंबर (भाषा) देश में इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में 44.3 अरब डॉलर मूल्य के 999 सौदे किए गए जो मात्रा के हिसाब से 13 प्रतिशत और पिछली तिमाही की तुलना में 64 प्रतिशत अधिक है। पीडब्ल्यूसी इंडिया की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।
इस साल की दूसरी तिमाही में 27 अरब डॉलर मूल्य के 887 सौदे हुए थे।
विलय एवं अधिग्रहण समेत ताजा सौदों पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सौदा बाजार ने कैलेंडर वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में अपनी वृद्धि बनाए रखी और पिछली छह तिमाहियों में अपना सबसे मजबूत तिमाही प्रदर्शन दर्ज किया।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘विलय और अधिग्रहण ने बाजार गतिविधियों को आगे बढ़ाया। 28.4 अरब डॉलर मूल्य के 518 सौदे हुए, जो तिमाही आधार पर मूल्य में 80 प्रतिशत और मात्रा में 26 प्रतिशत अधिक है।’’
इसके मुताबिक, सालाना आधार पर सौदों की संख्या में 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि कुल विलय एवं अधिग्रहण मूल्य में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह घरेलू बाजार में एकीकरण और सीमापार से निवेशकों की नए सिरे से रुचि को बताता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि आलोच्य तिमाही में निजी इक्विटी (पीई) गतिविधि मजबूत रही। इसमें 15.9 अरब डॉलर मूल्य के 481 सौदे हुए, जो घोषित मूल्य में 41 प्रतिशत और तिमाही आधार पर मात्रा के लिहाज से एक प्रतिशत की वृद्धि है।
पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले पीई निवेश का मूल्य दोगुना से भी अधिक (121 प्रतिशत की वृद्धि) हो गया जबकि सौदों की संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह उच्च-वृद्धि वाले क्षेत्रों के लिए निवेशकों की दिलचस्पी में निरंतरता को दर्शाता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया में साझेदार और प्रमुख (सौदा) मोहित चोपड़ा ने कहा, ‘‘वर्ष 2025 की सितंबर तिमाही में सौदों की गतिविधि और मूल्यांकन दोनों में अच्छी वृद्धि देखी गई। यह घरेलू बाजार में कंपनियों के विलय को लेकर नए विश्वास, कंपनी बही-खातों के विस्तार और एक स्थिर व्यापक आर्थिक माहौल का नतीजा है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, इस वर्ष की तीसरी तिमाही में आईपीओ बाजार में 159 कंपनियां सूचीबद्ध हुईं। इसमें 50 मुख्य बाजार और 109 एसएमई मंच पर सूचीबद्ध हुईं। वहीं 2025 की दूसरी तिमाही में में 62 और पहली तिमाही में 65 कंपनियां सूचीबद्ध हुई थीं।
रिपोर्ट के अनुसार, प्रौद्योगिकी क्षेत्र 13.3 अरब डॉलर के मूल्य के 146 सौदों के साथ सबसे आगे रहा, जो कुल घोषित मूल्य का लगभग एक-तिहाई है।
खुदरा और उपभोक्ता क्षेत्र की कंपनियों ने 4.3 अरब डॉलर मूल्य के 165 लेनदेन के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया।
भाषा रमण प्रेम
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