मुंबई, 25 मई (भाषा) जीवनयापन की बढ़ती लागत और कार्यबल की बदलती आकांक्षाओं के बीच ज्यादातर कर्मचारी दीर्घावधि के लाभ के लिए कुछ कम वेतन लेने को भी तैयार हैं। एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
स्टाफिंग समाधान और मानव संसाधन सेवा प्रदाता ‘जीनियस कंसल्टेंट्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 74 प्रतिशत कर्मचारी दीर्घावधि के लाभ के लिए कुछ कम वेतन लेने को भी तैयार हैं। इन दीर्घावधि के लाभ में स्वास्थ्य बीमा, सेवानिवृत्ति योजना और शिक्षा के लिए समर्थन शामिल है।
जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के 1,139 कर्मचारियों से मिली टिप्पणियों पर आधारित है।
सिर्फ 32 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि उनका मौजूदा लाभ पैकेज प्रभावी रूप से उनके वित्तीय कल्याण का समर्थन करता है। वहीं 61 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें मिलने वाले लाभ पर्याप्त नहीं हैं।
साक्षात्कार में शामिल 54 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने कहा कि उनकी कंपनी कल्याण कार्यक्रमों को लागू करते समय मानसिक और वित्तीय स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं देती है। रिपोर्ट कहती है कि लगभग 84 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि हाइब्रिड या रिमोट व्यवस्था (कहीं से भी दफ्तर का काम करने की सुविधा) से उन्हें अपने वित्त का अधिक प्रभावी तरीके से प्रबंधन करने और बचत करने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि यह उत्पादकता लाभ से परे कार्यस्थल के लचीलेपन और वित्तीय कल्याण के बीच एक मजबूत संबंध को स्थापित करता है।
करीब 73 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि प्रदर्शन-आधारित बोनस और प्रोत्साहन उनकी वर्तमान वित्तीय चिंताओं को काफी हद तक कम कर देंगे।
भाषा अजय अजय पाण्डेय
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