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Monday, 18 November, 2024
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सूक्ष्म-उर्वरक निर्माताओं ने सूक्ष्म पोषक तत्वों की कीमतें नियंत्रित नहीं करने की मांग रखी

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नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) सूक्ष्म-उर्वरक निर्माताओं के निकाय आईएमएमए ने शनिवार को इस क्षेत्र को विनियमित करने के लिए संयंत्र पोषण प्रबंधन पर प्रस्तावित विधेयक की सराहना करने के साथ ही सरकार से सूक्ष्म पोषक तत्वों एवं विशिष्ट उत्पादों के लिए कोई मूल्य नियंत्रण तंत्र नहीं लाने का अनुरोध किया।

भारतीय सूक्ष्म पोषक तत्व विनिर्माता संघ (आईएमएमए) ने एक बयान में कहा कि वह एकीकृत पादप पोषण प्रबंधन (आईपीएनएम) विधेयक 2022 के मसौदे का स्वागत करता है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म-उर्वरक क्षेत्र को विनियमित करना है। उसने कहा कि कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देना प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य होना चाहिए।

हालांकि आईएमएमए ने कहा, ‘‘सरकार को केवल उन पोषक तत्वों की कीमतों को ही नियंत्रित करने का आग्रह किया जहां सब्सिडी प्रदान की जा रही है और सूक्ष्म पोषक तत्वों और विशेष उर्वरकों की दरों को नियंत्रित करने नहीं करना चाहिये।’’

फरवरी में, उर्वरक विभाग ने इस विधेयक का मसौदा विधेयक जारी करने के साथ ही सभी हितधारकों से टिप्पणियां देने का अनुरोध किया था।

प्रस्तावित विधेयक सरकार को उर्वरकों की अधिकतम बिक्री मूल्य तय करने और उनकी गुणवत्ता और वितरण को नियंत्रित करने का अधिकार देता है। इसमें ‘भारतीय एकीकृत पौध-पोषण प्रबंधन प्राधिकरण’ की स्थापना की मंशा जताई गई है।

आईएमएमए ने शुक्रवार को सरकार, उद्योग निकायों, कृषि लागत कंपनियों, किसानों और कृषि लागत के डीलरों सहित सभी अंशधारकों के साथ तीसरे राष्ट्रीय फसल पोषण शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था।

आईएमएमए के अध्यक्ष राहुल मीरचंदानी ने कहा, ‘‘यह पहल स्वागतयोग्य है। उद्योग को इस क्रांतिकारी नीतिगत बदलाव पर एक रचनात्मक संवाद शुरू करने तथा नियंत्रण एवं संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि किसानों को गुणवत्ता वाले कृषि लागतों की प्राप्ति हो और वे नए युग के उर्वरकों का उपयोग करने के कृषि-आर्थिक लाभों को सटीक रूप से समझें।

भारतीय उर्वरक संघ के कृषि विज्ञान निदेशक आर के तेवतिया ने कहा, ‘‘सब्सिडी वाले और गैर-सब्सिडी वाले उर्वरकों के लिए आईपीएनएम विधेयक 2022 में अलग-अलग अध्यायों की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा कि उद्योग को समर्थन देने के लिए कारोबार को सुगम बनाने के प्रावधान जरूरी हैं।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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