नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने पेट्रोल और डीजल पर कर घटाने की वकालत की है।
सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने मंगलवार को कहा कि केंद्र और राज्यों के आपसी सहयोग से वाहन ईंधन पर कर घटाना चाहिए। बढ़ती महंगाई की वजह से ऐसा करना जरूरी है।
बजाज ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कर ऐसे समय बढ़ाया था जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम निचले स्तर पर थे। इसे वापस लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह स्पष्ट है कि मुद्रास्फीति की एक प्रमुख वजह तेल है। हमने देखा है कि कच्चे तेल के दाम बढ़ने से पेट्रोल महंगा हुआ है। हमने इसका मुद्रास्फीति पर असर देखा है और इसे पलटने की जरूरत है।’’
बजाज ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि केंद्र और राज्यों दोनों का कराधान काफी ऊंचा है। हमने देखा कि जब कच्चे तेल के दाम नीचे आए, उस समय इसकी दरें बढ़ा दी गईं। अब तेल के दाम चढ़ गए हैं, हमारा मानना है कि इसपर सहयोगपूर्ण तरीके से विचार-विमर्श की जरूरत है। अंतत: हम यह एक देश के लिए कर रहे हैं।’’
सीआईआई के अध्यक्ष ने कहा कि तीनों वापस लिए गए कृषि विधेयकों की उचित विचार-विमर्श के साथ समीक्षा की जानी चाहिए और उसके बाद इन्हें आगे बढ़ाना चाहिए।
उच्च संपदा वाले (एचएनआई) लोगों के भारत से जाने की खबरों पर बजाज ने कहा कि हमें यह ऐसा वातावरण बनाना है जिसमें भारत समृद्ध हो सके, भारतीय उद्योग समृद्ध हों। हमें कुछ लोगों के देश से जाने को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि इन लोगों द्वारा भारत छोड़ने के फैसले के पीछे कई वजहें हो सकती हैं।
बजाज ने कहा, ‘‘एक देश के रूप में हमें सही वातावरण बनाने की जरूरत है और मौजूदा सरकार ऐसा कर रही है। अनुकूल वातावरण बनाने के लिए हमें कंपनियों, निवेश को आकर्षित करना होगा। हमें ऐसा माहौल बनाना होगा कि लोग भारत छोड़ने के बजाय यहां आना चाहें।
भाषा अजय अजय पाण्डेय
पाण्डेय
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