नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को खराब गुणवत्ता वाले कोयले की कथित बिक्री से जुड़े मामले में चेन्नई की एक विशेष अदालत में आरोप-पत्र दाखिल किया है।
निदेशालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि काला धन शोधन से जुड़े इस मामले के मुख्य आरोपी ए आर बुहारी और उससे जुड़ी छह कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया है। इस मामले में चेन्नई स्थित कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई स्थित कोस्टल एनर्जेन प्राइवेट लिमिटेड, दुबई स्थित सीएनओ डीएमसीसी, दुबई स्थित सीएनओ एलएलसी, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड स्थित प्रीशियस एनर्जी होल्डिंग्स लिमिटेड और मॉरीशस स्थित मुटियारा एनर्जी होल्डिंग्स लिमिटेड को आरोपी बनाया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक, यह मामला ‘कोयले की कीमतों के ज्यादा मूल्यांकन से संबंधित है जिसकी वजह से सार्वजनिक उपक्रमों को खराब गुणवत्ता वाले कोयले की अधिक कीमत चुकानी पड़ी।’
एजेंसी के मुताबिक, अदालत ने 29 अप्रैल को धनशोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दायर इस आरोपपत्र पर संज्ञान लिया है।
निदेशालय ने कहा, ‘सभी छह आरोपी कंपनियों का प्रबंधन, नियंत्रण एवं स्वामित्व अहमद ए आर बुहारी के पास है।’
एजेंसी ने कहा कि बुहारी ही इन कंपनियों का नियंत्रण कर रहा था। एजेंसी का कहना है कि बुहारी ने पीएसयू को बेचे गए कोयले का ‘अधिक मूल्यांकन’ कर 564.48 करोड़ रुपये की आपराधिक आय इकट्ठा की।
इसके अलावा बुहारी ने कथित तौर पर विभिन्न कंपनियों के माध्यम से इस आय को दूसरी जगह भेज दिया और अंत में इसे अपनी एक कंपनी कोस्टल एनर्जेन के बिजली संयंत्र की स्थापना में इस्तेमाल किया।
ईडी ने इससे पहले कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड की जमीन, संयंत्र, मशीनरी और अन्य संपत्ति कुर्क की थी। इन संपत्तियों की कीमत 564.48 करोड़ रुपये है।
ईडी ने कहा कि आरोपपत्र में अभियोजन पक्ष ने इन संपत्तियों को ‘जब्त’ करने का अनुरोध किया है।
भाषा प्रेम रमण
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