कोलंबो, चार मई (भाषा) श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी ने देश को वित्तीय संकट से उबारने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से बातचीत में भारत की मदद की सराहना की। श्रीलंका में उपयोग लायक विदेशी मुद्रा भंडार घटकर पांच करोड़ डॉलर से भी कम रह गया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बातचीत करके स्वदेश लौटे साबरी ने आईएमएफ में की गई वार्ता और संकट की वित्तीय स्थिति के बारे में संसद में बुधवार को भाषण में कहा कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उनकी दो बार मुलाकात हुई और उन्होंने श्रीलंका को त्वरित वित्तपोषण साधन (आरएफआई) सुविधा के लिए भारत की ओर से पूरी सहायता भी दी।
मुख्य विपक्षी नेता सजीत प्रेमादास ने सत्तापक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि भारत ने सरकार से संपर्क साधने से पहले उनसे पूछा था कि क्या उन्हें श्रीलंका की मदद करनी चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं झूठ नहीं बोल रहा। मैंने उनसे कहा कि उन्हें श्रीलंका के लोगों की हरसंभव मदद करनी चाहिए। उसके बाद ही उन्होंने सरकार की मदद की।’’
भारत ने संकट से घिरे श्रीलंका को इस साल जनवरी से अब तक तीन अरब डॉलर से अधिक का कर्ज, ऋण सहायता देने का वादा किया है।
साबरी ने कहा कि देश इस समय ऐसे गंभीर पड़ाव पर है जहां उसे दक्षिण कोरिया और भारत में 1990 और 1991 में लागू उपायों जैसे सुधारों को लागू करने का फैसला लेना है या वेनेजुएला या लेबनान की तर्ज पर चलना है।
उन्होंने कहा कि अत्यावश्यक सुधारों के लिए आईएमएफ का कार्यक्रम महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने काफी समय पहले ही आईएमएफ के कार्यक्रम को न अपनाकर ‘ऐतिहासिक गलती’ की है।
भाषा मानसी पाण्डेय
पाण्डेय
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