नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड के लेखा परीक्षण में पेशेवर गड़बड़ी और अन्य खामियों के लिए एक ऑडिट कंपनी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध कंपनी है।
यह आदेश एनएफआरए को भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) से यह जानकारी मिलने के बाद आया कि विकास डब्ल्यूएसपी ने अपने वित्त वर्ष 2019-20 के वित्तीय विवरणों में बैंकों से उधार पर ब्याज व्यय को मान्यता नहीं दी, जिससे कंपनी द्वारा मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया।
इसके बाद, एनएफआरए ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड (वीडब्ल्यूएल) के वैधानिक लेखा परीक्षण में पेशेवर या अन्य गड़बड़ी के लिए ऑडिट फर्म एस प्रकाश अग्रवाल एंड कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।
नियामक ने पाया कि वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों द्वारा गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के रूप में वर्गीकृत उधार पर ब्याज लागत की आंशिक मान्यता के कारण वीडब्ल्यूएल के वित्तीय विवरणों को गलत तरीके से पेश किया गया, जिसके परिणामस्वरूप मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया।
एनएफआरए ने मंगलवार को अपने आदेश में कहा, “फर्म या अनुबंध भागीदारों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट उन परिस्थितियों में उपयुक्त हैं, जो अपनी गुणवत्ता नियंत्रण नीतियों और प्रक्रियाओं को ठीक से लागू करने में विफल रही हैं।”
इसके बाद नियामक ने ऑडिट लेखा परीक्षण में खामियों के लिए ऑडिट फर्म पर जुर्माना लगाया।
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